Blog – आईआरसीटीवी के सीएमडी साहब जब पहली बारी आये आई.टी.सेंटर वो भी बाथरूम और पानी चेक करने, ऐसा क्यों ? कुछ लोग बोल रहे है कि यहाँ के कुछ लोगो ने सीएमडी को कम्प्लेन किया था, पानी और बाथरूम को ले कर, पर किसी को ये नहीं पता कि वो व्यक्ति कौंन है. आईआरसीटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का हाल बुरा, जबकि कंपनी तरक्की पर है.
आईआरसीटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का हाल बुरा,
आरएलसी(सी) के यहां हमारे आईआरसीटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने इसका कप्लेन कर रखा है और कई बार इनके पास इस मुद्दे को भी उठा चुके है. हमारे यूनियन का प्रतिनिधिमंडल कई बार आरएलसी(सी) से मिलकर कारवाई की मांग कर चुका है. शायद सभी को याद होगा कि “समान काम का समान वेतन” के लिए जनहीत याचिका W.P.(C.) 2175/2014 दिल्ली हाईकोर्ट मे दर्ज है.
जिसमे आईआरसीटीसी के ठेका वर्कर की शोषण की कहानी बर्नित है. इस केस मे सी.एल.सी.(सी.) भी प्रतिवादी बने हुए है. पिछले एक साल से लेबर मिनिस्ट्री से कोई भी सुनवाई मे उपस्थित नही हुआ और कोर्ट के जब दबाब बढा तो अधिकारियो मे हरकंप मच गयी, क्योकि जबाब देने का तीसरी बार आखिरी मौका दिया गया है. अब जाकर इन अधिकारियो को आईआरसीटीसी मैनेजमेन्ट की जुर्म की कहानी समझ मे भी आ रही और सी.एम.डी का आई.टी.सेंटर का दौरा इसी दबाब का परिणाम है.
पूरे 13 साल मे पहली बार किसी सी.एम.डी. ने वर्करो की समस्या भी सुनी और खुद से बाथरुम का पानी भी चेक किया. कल जब डी.जी.एम. श्री पी.सी.बिहारी के पास हमने खराब पानी का मुद्दा उठाया तो पता चला कि रेल नीर का पानी आपको दिया जा रहा है, तो हमने बताया कि ओ पेपर पर होगा सरजी, हकीकत तो यह है कि वर्कर को बोरिंग का पानी आर.ओ. जो कि कई वर्ष पहले (बिना मेन्टेनेस के) लगाया गया.
उसके द्वारा दिया जाता है. उन्हे पहले तो भरोषा नही हुआ तो उन्होने तुरंत ही आई.टी.सेंटर मे एक स्टाफ को फोन करके पुछा और सही पाया. इतना शोषन तो शायद नर्क मे भी नही होगा. शेम-शेम.
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