यह लड़ाई अभी रुकी नही, जारी रहेगी, जब तक इंसाफ न मिले – हरीश

Guest Blog -अगर हिन्दुस्तान आज़ाद होता है और हमारे अपने देशवासी गोरे हाकिमों से सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेते हैं, और तब भी अगर अमीर और गरीब के बीच, जमींदार व असामी के बीच गैर बराबरी बनी रहेगी, तो मै ख़ुदा से यही मनाऊँगा कि वह तब तक मुझे ऐसी आज़ादी न दे जब तक उसकी कायनात में बराबरी न कायम हो जाय. अगर मुझे इन विचारों के लिए कम्युनिस्ट कहा जाता है तो मुझे कोई फिक्र नहीं’’ और यह लड़ाई अभी रुकी नही, जारी रहेगी.

यह लड़ाई अभी रुकी नही, जारी रहेगी?

हम भी नही चाहते तभी हमने आईआरसीटीसी में स्थाई कर्मचारी और ठेका कर्मचारी के बीच वेतन, छुट्टी आदि कि समानता की मांग की थी. मगर आईआरसीटीसी के भेड़िया मैनेजमेंट इसको बर्दास्त नही कर पाया. 8-10 साल से अपने ही वर्कर्स को ठेके का वर्कर्स दिखा कर उनका दोहन करके खूब प्रॉफिट कमाया. उनको समान काम का समान वेतन और दूसरी सुविधाओ से वंचित रखकर अपनी जेबें भी गर्म की. जिसके खिलाफ हमने लड़ाई की शुरुआत की.

जब मुद्दा संसद तक पहुंचा तो लेबर डिपार्टमेंट की आँखे खुली और जाँच में पाया कि IRCTC के पास पहले कभी  कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स रखने तक का लाइसेंस नहीं था. आईटी सेंटर का HR officer ने जांच के समय बताया कि सफाईकर्मी और सिक्यूरिटी गार्ड  से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है. उनको मिनिमम वेजेज और छुट्टियां पूरी मिलती है, मगर जब लेबर इंस्पेक्टर ने सभी के सामने बुला कर वर्कर्स से पूछा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.

उन सभी ने ये बताया कि उनको पिछले 10 वर्षों से न तो मिनिमम वेजेज मिलता है और न ही सप्ताह में कोई अवकाश ही दिया जाता है और इस बारे में वो कई बारी अधिकारियो को बता चुके है. इससे साफ होता है कि सब कुछ पता होने के बाद भी ऑफिसर्स क्यों कभी कोई एक्शन नहीं लेते थे क्योंकि उनकी ठेकेदारो से जरूर कोई न कोई मिलीभगत होगी.

वो तो भला उन whistle blowers का जिन्होंने आईआरसीटीसी में पनप रहे वर्कर्स के शोषण और करप्शन के खिलाफ आवाज उठाई. जिस कारण आज उनकी वजह से सभी सफाई और गार्ड्स वर्कर्स को Minimum Wages और छुट्टियां मिलने लगी.

अभी लड़ाई रुकी नहीं है क्योंकि महिलाओ से छेड़छाड़ और उत्पीड़न और साथ ही साथ संविदा वर्कर्स के परमानेंट और बिना कोर्ट से परमिशन लिए संविदा कर्मियों के निकालने के मामले कोर्ट में चल रहे है. जब तक भोले भाले वर्कर्स को इन्साफ नहीं मिल जाता ये संघर्ष रुकने वाला नहीं है.

लेखक: हरीश जोशी

यह भी पढ़ें-

Share this

Leave a Comment