नई दिल्ली: पूरा देश दिवाली की खुशी में डूबा हुआ है. मगर दूसरी तरफ 30 परिवार ऐसा था जिनके यहॉं इस दिवाली पर बोनस और मिठाईयों के डब्बे की जग़ह कल से दाल रोटी कैसे चलेगी बच्चे स्कुल कैसे जायेगें इसी चिंता में डूबा था. इसका बस एक कारण था कि हल्दीराम ने दिवाली पर मिठाई मांगने पर, 30 वर्करों को नौकरी से निकाला.
हल्दीराम ने 30 वर्करों को नौकरी से निकाला
भारत के स्नैक्स फूड मार्केट का बादशााह है, हल्दीराम. जिसके दिल्ली के चॉंदनी चैक के यूनिट पर लगभग पिछले 8 से 10 साल से काम कर रहे थे. वर्कर बताते है कि हमलोग काफी मन लगाकर काम कर रहे थे. यहॉं तक की कभी कंपनी ने 12 से 18 घन्टे काम करवाने के बाद भी ओवर टाईम के पैसे नही दिये. फिर भी हम लोगों ने मन मारकर अपने परिवार का पेट पालने के लिए चुपचाप सब सहते रहे.
कंपनी प्रबंधन को भी हमारे काम में कोई कमी नही त्रुटी नही मिली. किसी तरह गुजारा चल रहा था. मग़र हमारी चुप्पी को कमजोरी समझ कर हमसे त्योहारोे के सीजन में कभी.कभी 24 घन्टे तक काम करवाया जाने गा और यदि किसी कर्मचारी को नींद आती तो हमारे मैनेजर बाबू सिंह द्वारा अफीम तक दिया जाता था.
अगर कोई इसका विरोध करता तो गाली गलौज व मार पीट तक कर देना इनके लिए आम बात है. ज्यादातर लोग तो इनका खिलाफ करने की और करते भी कैसे ज्यादातर कर्मचारी दिल्ली से बाहर के थे. बोनस क्या होता है यह ये कर्मचारियों को पता तक नही है मगर हां दिपावली में सभी को एक पैकेट मिठाई का डब्बा मिलता है.
इस बार तो कमाल ही हो ग़या. जब प्रबंधन ने कहा कि मिठाई नही मिलेगा और उसका 500 रूपया सभी के खाते में चला जायेगा. इस पर एक साथा सारे वर्कर गुुस्सा हो ग़यें कि हमें रूपया नही चाहिए. हमारे बच्चे तो दिवाली पर मिठाई का इंतजार कर रहे होगें. सारे वर्कर को अचानक से एकजुट होता देख प्रबंधन गुस्सा हो ग़या और विरोध कर रहे 30 वर्करो को धमकाते हुए कहॉं की जहॉं जाना है, चले जाओ और कल से काम पर मत आना.
इस तरह मिठाई के बादशाह के यहां काम करने वालों को मिठाई का एक डब्बा मांगने की सजा नौकरी से हाथ धोकर मिली. बाद में वर्करों को सुनने में आया कि प्रबंधन ने कहा है कि इन लोगों ने मिठाई के चोरी के केस में फंसा दूँगा.
मगर सवाल यह उठता है कि हल्दीराम प्रोडक्ट प्रा0 लिमिटेड में चारो तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं और और किसी एक ने चोरी की होती तो उनके पास सबुत होता और नौकरी से निकालने से पहले उनकी पुलिस मे शिकायत करता और अगर सभी 30 वर्करों पर चोरी की बात करता है और वो भी मिठाई के डब्बों की तो वह हास्यपद ही होगा. वर्करों के काम के शिफ्ट में आने जाने के समय सिक्यूरिटी गार्ड के द्वारा रोजाना बैग़ की तालाशी की जाती है.
कुछ भी हो मग़र वर्करों को मिठाईयों के लिए नौकरी से निकालना ग़लत ही नही बल्कि पूंजीवादी व्यवस्था का इसारा इस तरफ है कि हम तुम्हें इस से भी कम आंकते हैं. अब वकरों को ही फैसला करना चाहिए कि इस का जबाव वो कैसे दें.
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