नई दिल्ली: हिमाचल सरकार ने अपनी मांग समान वेतन को लेकर दो दिन से हड़ताल पर चल रहे 1081 ग्राम रोजगार सेवकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. जानकारी के अनुसार काम पर लौटने की चेतावनी के बावजूद ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर शनिवार को सरकार ने बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए.
सामान काम समान वेतन की मांग
अमर उजाला के खबर के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग का कहना है कि अब इनके स्थान पर नए सिरे से ग्राम सेवकों की भर्ती होगी. इस बीच, ग्राम रोजगार संघ के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है कि सभी कर्मचारी समान वेतन के लिए हड़ताल के फैसले पर अडिग और एकजुट हैं.
संघ सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा. जबकि बता दें कि ग्राम रोजगार सेवकों को 7000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है. जबकि वे समान काम, समान वेतन की मांग उठा रहे हैं. इस हड़ताल के चलते पंचायतों में मनरेगा और अन्य विकास कार्य ठप प्रभावित हो रहे हैं.
जबकि ग्रामीण विकास विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर भूपेंद्र अत्री ने कहा कि हड़ताल पर गए सभी ग्राम रोजगार सेवकों को नौकरी से निकाल दिया है. इनके स्थान पर नई भर्ती की जाएगी. जो कि कानून के साथ खिलवाड़ ही नहीं बल्कि सरकार के हायर एंड फायर के निति को दर्शाता है.