नई दिल्ली: आज चारा घोटाला में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व रेलमंत्री को राजधानी एक्सप्रेस से ईलाज के लिए दिल्ली लाया गया. उनके इंतजार में लोग सुबह से ही नई दिल्ली स्टेशन पर जमे थे. जैसे ही ट्रेन रुकी और लालू यादव ट्रेन से उतरे, वैसे ही अपनी ड्यूटी छोड़ स्टेशन पर मौजूद कुलियों ने लालू यादव को कुलियों ने घेरा और नारा लगाना शुरू किया. इसके बारे में संजय यादव नेता राजद ने लिखा है कि यह है एक जननेता की जीवन भर की कमाई हुई पूंजी है.
लालू यादव को कुलियों ने घेरा
उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि जब ग़रीबों के लिए लड़ने वाला नेता देश की राजधानी में रेल से उतरता है तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर केंद्र सरकार के कर्मचारी, जी हां. स्टेशन पर मौजूद सभी कूली अपने देवनहार लालू यादव को कुलियों ने समर्थन में ज़िंदाबाद के गगनभेदी नारे लगाते है.
आगे लिखते हैं कि यह दुर्लभ सौभाग्य भारतीय राजनीति में लालू प्रसाद के सिवाय किसी और को प्राप्त नहीं है. जहां एक अधिनायक मोदी के नीचे काम करने वाले केंद्रीय रेलवे कर्मचारी उस दक्षिणपंथी अधिनायक के रेसकोर्स रोड अवस्थित प्रधानमंत्री आवास से चंद क़दम दूर उसकी 56 इंची छाती पर चढ़कर उसके सबसे कट्टर विरोधी लालू प्रसाद के समर्थन में नारे लगाते है.
यही तो है लालू का असली भ्रष्टाचार
उन्होंने तंज कस्ते हुए कहा कि यही तो है लालू का असली भ्रष्टाचार. जिसके पक्ष में रेलवे स्टेशन पर मौजूद हर न्यायप्रिय व्यक्ति नारे लगाता है और बिन बुलाए हज़ारों की संख्या में देश की राजधानी दिल्ली में स्वतः एकत्रित हो जाते है. आज़ादी के 58 साल बाद भी देश के लाखों ग़रीब परिवारों से आने वाले कुलियों को रेलमंत्री रहते लालू ने एक झटके में ग्रुप-डी में बहाल कर सरकारी कर्मचारी बना दिया था. ग़रीब हित का यह काम ग़रीब का बेटा लालू ही कर सकता था.
कुल्हड़ लागू कर लाखों कुम्हारों को रोज़गार दिलाया
लालू प्रसाद ने ही कुल्हड़ लागू कर लाखों कुम्हारों को रोज़गार दिलाया. नीम की दातुन उपलब्ध करवा रोज़गार सृजन किया. ग़रीब रथ चलवा सामान्य टिकट पर ग़रीबों को ए.सी. में बैठाया. आगे लिखते है कि, “इसलिए मैं हमेशा कहता हूं ग़रीब कभी अहसानफ़रामोश नहीं होता. आज के दौर में बड़े से बड़ा ऑफिसर नौकरी जाने के डर से विपक्षियों से बात करने में भी डरता है वहीं आज इन ग़रीब स्वाभिमानी कुलियों को लालू जी के साथ खड़े देखकर सुकून और लड़ने का हौसला मिला.” अगर आप अब भी सोचते है लालू भ्रष्टाचार के कारण जेल में है तो और कुछ नहीं कहना. बस.
(यह पोस्ट संजय यादव के फेसबुक वॉल से लिया गया है. हम इस पोस्ट के माध्यम से यह सन्देश देना चाहते है कि जब लोग अपनी नौकरी बचाने के लिए क्या नहीं करते. वैसे में इन कुली साथियों के हिम्मत को सलाम है.)
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