Sahara India Supreme Court जनहित याचिका में क्या फैसला आया

Sahara India Supreme Court PIL Judgement: सहारा इंडिया मामले में एक जनहित याचिका की सुनाई कल सुप्रीम कोर्ट में हुई है। जिसके याचिकर्ता के द्वारा विभिन्न न्यूज चैनल के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि उनके केस को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद लोगों का भुगतान का रास्ता खुल गया है। आइये जानते हैं कि आखिर पूरा ममला क्या है और माननीय कोर्ट ने क्या फैसला दिया है?

Sahara India Supreme Court PIL Judgement

आपको बता दें कि पुरे देश के सहारा इंडिया जमाकर्ताओं के साथ बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जिस Sahara India Scam का भंडाफोड़ हमने पटोरी समस्तीपुर से किया और देश के जमाकर्ताओं को असलियत बताया। सहारा इंडिया का आरबीआई के द्वारा नॉन बैंकिंग का लाइसेंस रद्द कर देने के बाद जबरन पहले क्यू शॉप और फिर विभिन्न सोसाइटियों को कन्वर्ट कर दिया गया है। जिसके बाद उनका पैसा वापस नहीं दिया जा रहा है।

हमारे सहारा फजीवाड़े का भंडाफोड़ के बाद पुरे देश में एक भूचाल सा आ गया और हमारे अपील पर पुरे देश के जमाकर्ताओं ने पैसा जमा करना बंद कर दिया। जिसके बाद से ही देश में कई संगठन बन गए और सहारा इंडिया के खिलाफ जमाकर्ताओं की लड़ाई लड़ने का दावा करने लगे। जिसमें से एक संघठन SANYUKTA ALL INDIA JANANDOLAN SANGARSH NYAYA MORCHA के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई थी। जिसकी सुनवाई कल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हुई।

यह वही संगठन है जिसके नेता ने रथ यात्रा निकाल कर सुप्रीम कोर्ट में PIL से जुड़ने के नाम पर चंदा लेकर पैसा दिलाने का भरोसा दिलाया था। जबकि अभी केस की सुनवाई के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में केस स्वीकार लिए जाने का भी दावा कर रहा हैं। जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कॉपी पढ़ेंगे तो आपको असलियत का पता चलेगा और आपके होश उड़ जायेंगे।

हमने पहले ही अपने एक वीडियो के माध्यम से आगाह किया था कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक विषय पर एक समय में एक ही जनहित याचिका सुनी जायेगी। जबकि अभी पहले से ही एक जनहित याचिका सहारा इंडिया भुगतान के लिए लंबित है। आखिर वही हुआ माननीय कोर्ट ने भी वही बात अपने आदेश में दुहरा दिया।

सहारा इंडिया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

आइये जानते हैं कि माननीय कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा है?

                                                          O R D E R
“Delay in refiling is condoned. We are not inclined to entertain the present writ petition, as
the petitioner can file an application in the pending matters. Recording the aforesaid, the writ petition is dismissed as not entertained without making any comments on merits.
Pending application(s), if any, shall stand disposed of.”

                                                             आदेश
“रिफिलिंग में देरी माफ की जाती है। हम वर्तमान रिट याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं याचिकाकर्ता लंबित मामलों में अर्जी दाखिल कर सकता है। उपरोक्त को दर्ज करते हुए, रिट याचिका के योग्यता पर विचार कोई टिप्पणी किए बिना खारिज किया जाता है। लंबित आवेदन(आवेदनों), यदि कोई हो, का निपटारा कर दिया जाएगा।”

माननीय कोर्ट ने एप्लीकेशन के मेरिट

अब आपको उपरोक्त आदेश का मतलब साधारण तरीके से समझाने की कोशिश करता हूँ। माननीय कोर्ट ने याचिका को सुनने से सीधे मना कर दिया। उन्होंने कहा है कि याचिकाकर्ता लंबित मामले में अपनी एप्लीकेशन (मतलब IA) लगा सकते हैं। जिसके बाद माननीय कोर्ट ने एप्लीकेशन के मेरिट पर बिना कोई टिप्पणी किये उपरोक्त को दर्ज करते हुए (एप्लीकेशन लगाने वाली बात) याचिका को ख़ारिज कर दिया है।

Supreme Court Order PDF

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