Sahara India Ka Paisa Kab Milega: सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा, आज हर जमाकर्ता का सवाल है। जिस पर आज संसद में लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव शून्य काल में सवाल उठा सकते हैं। जिसकी जानकारी हमें उनके निजी सचिव के द्वारा दी गई है, आइये जानते हैं कि उनके द्वारा क्या मामला उठाया जायेगा?
सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा?
पुरे देश के करोड़ों जमाकर्ताओं का पैसा सहारा इंडिया के नाम पर फंसा है। जिस पैसा को पाने के लिए वो वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। जब हमें यह पता चला कि सहारा इंडिया नॉन बैंकिंग का लाइसेंस रद्द होने के बाद भी पुरे देश में सहारा का शाखा चल रहा है। जिसके बाद पुरे देश के जमाकर्ताओं को न केवल जानकारी दी बल्कि उनको पैसा नहीं जमा करने की अपील भी की।
देश में सहारा के नाम पर पैसा जमा होना बंद
जिसका काफी असर हुआ और न केवल पुरे देश में सहारा के नाम पर पैसा जमा होना बंद हुआ बल्कि पैसे की मांग भी शुरू हो गई। जिसके बाद केंद्र सरकार के तरफ से माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 5000 करोड़ रुपया सहारा जमाकर्ताओं के लिए जारी किया गया। जबकि सरकार पोर्टल के माध्यम से पैसा वापसी के लिए विफल हो चुकी है।
सहारा इंडिया जमाकर्ता कल्याण मोर्चा (वर्कर वौइस्) की तरफ से विपक्ष के कुछ सांसदों को सदन में उक्त मामला की जानकारी देकर उठाने का अनुरोध किया गया। जिसके तहत राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जी सांसद के यहां से मैसेज आया है कि सहारा इंडिया का मामला आज संसद के शून्य काल में उठाने का रिक्वेस्ट किया गया है। जो कि निम्न प्रकार से है –
लोकसभा
शून्य काल के दौरान मामले उठाने के लिए सूचना
डायरी नंबर -2347 दिनांक- 16/12/2023 समय-10:23:57 PM
सेवा में
महासचिव,
लोकसभा, नई दिल्ली
महोदय,
मैं यह अनुरोध करता/करती हूँ कि मुझे दिनांक 17/12/2024 को सभा में शून्य काल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व का मामला उठाने की अनुमति दी जाए। अनुमति दिए जाने पर मैं मामले को संक्षेप में निम्नवत उठायूंगा/उठायूंगी।
बिहार झारखंड सहित पुरे देश में सहारा इंडिया नॉन बैंकिंग का आरबीआई द्वारा 2015 लाइसेंस रद्द करने के बाद भी देश भर में शाखा चलता रहा। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार सेन्ट्रल रजिस्ट्रार के पास पुरे देश के निवेशकों के द्वारा क्लेम करने के बाद सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार ने एसएफआईओ, सीबीआई, आरबीआई आदि एजेंसियों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इंटरलोकटरी एप्लीकेशन नंबर 191/22 लगाया गया। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशसानुसार 5000 करोड़ सेबी से सेन्ट्रल रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटी को निवेशकों को रिफंड करने के लिए ट्रांसफर किया गया। केंद्र सरकार इस मामले को सुलझाने की जितनी भी बाते करें लेकिन आम निवेशकों का अरबों रुपया फंसा है। केंद्र सरकार की कार्य प्रणाली त्रुटिपूर्ण होने के कई कारण हैं जो खुद सहकारिता मंत्रालय ने पैदा किया है।
अतः निवेशकों के हित में ठोस निति के साथ सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
भवदीय
श्री राजेश रंजन,
सदस्य लोकसभा,
विभाजन सं-
सहारा इंडिया भुगतान का मुद्दा उठाने
अब देखना है कि लोकसभा में एक देश एक चुनाव के बहस के हंगामे के बीच सहारा इंडिया भुगतान का मुद्दा उठाने का समय मिलता है या नहीं। जिसके बाद सरकार के तरफ से Sahara India Ka Paisa Kab Milega यह पता चल पायेगा।
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