नई दिल्ली: दिनांक 09.04.2015 यानी आज ठेका वर्कर के “समान काम का समान वेतन” के जनहीत याचिका संख्या W.P.(C) 2175/2015 की सुनवाई माननीय दिल्ली हाई कोर्ट हुई. भारत सरकार पिछले 44 साल मे इस कानुन को क्यों नही लागु करा पाई, इसका जबाब पिछले 1 वर्ष मे देने मे विफल रही है. इसके लिए आज भी दुबारा से जबाब देने के लिए समय मांग लिया है. अगली सुनवाई की तारिख 21 जुलाई 2015 दी गयी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ठेकेदार JMD को नोटिस जारी कर उपस्थिति होने को कहा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ठेकेदार JMD को नोटिस जारी
इस केस में ठेकेदार जे.एम.डी. के उपस्थित नही होने पर दुबारा से उसको नोटीस भेजकर उपस्थित होने का आदेश हुआ. याचिकाकर्ता सुरजीत श्यामल ने बताया कि हमें देश के न्यायालय पर पुरा भरोषा और पूर्ण आशा है कि आखिर में जीत हमारी होगी. आखिर सरकार अपनी जबाबदेही से कब तक भागेगी. आज न कल माननीय न्यायालय 69 लाख + ठेका वर्कर के हीत को ध्यान मे रखते हुए ठेका वर्कर के पक्ष मे ऐतिहासिक फैसला देना भी पड़ेगा.
याचिकाकर्ता ने ठेका वर्कर के लिए “समान काम का समान वेतन” को लागू करने की मांग के जनहित याचिका दायर किया है. जिसके अंतर्गत भारत के संविधान के समानता के अधिकार और 47 वर्ष पूर्व बने ठेका कानून के इसी कानून से सम्बंधित नियम 1971- प्रावधान “समान काम का समान वेतन” को पूरे देश के 69 लाख ठेका वर्कर के लिए लागू करने की मांग की गई है.
जिसके सुनवाई के बाद 2 अप्रैल 2014 को माननीय कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर सरकार से जबाब माँगा था. याचिकाकर्ता ने माननीय कोर्ट से अपील की है कि इस सम्बंध में सरकार को गाइडलाईन बनाने का दिशा निर्देश दिया जाए ताकि ठेकेदार और मुख्यनियोक्ता देश का पढ़े-लिखे वर्करों को शोषित नहीं कर पाए.
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