अपने साथियों से मिली जानकारी के अनुसार आईटी सेंटर के रेगुलर कर्मचारी 5 दिन कार्य दिवस के लिए मैनेजमेंट (IRCTC Officer) से संघर्ष कर रहे है. भले ही उनका यूनियन नही है, मगर संघर्ष काबिले तारीफ है. कल जो फैसला लिया और आज अपनी एकता दिखाते हुए शनिवार का एक साथ छुट्टी कर लिया. मात्र 3 से 4 लोग अपने मैनेजमेंट के डर से या किसी अन्य कारण ऑफिस आते दीखे.
IRCTC Officer ले रहे है पूरी सैलरी
मगर मैनेजमेंट का कोई भी अधिकारी शनिवार और रविवार को अवकाश घोषित होने के कारण नही आता है और आज भी नही आया. लगभग 2 बजे के करीब आईटी सेंटर के गेट पर रिक्शा रुका जिसपर चाय की मशीन व् चाय बनाने की समाग्री थी. आपको बता दें कि पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमिटी के निर्देश पर इस ऑफिस का दुबारा से इंस्पेक्शन होना है और इसीलिए चाय की मशीन व् पानी, सफाई आदि का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. इसके बाद लगभग जीजीएम/आईटी लगभग 5 बजे के करीब चुपके से ऑटो से आईटी सेंटर पहुँचे.
अच्छा ये तो डराने का पुराना तरीका है
मगर ऑफिस का टाइम तो 10 बजे होता है, फिर ख्याल आया कि शायद यह देखने आये कि कहीं ये देखने आये हो कि कोई स्टाफ आया है कि नही. मगर इस ऑफिस में तो बायोमैट्रिक्स मशीन लगा है और जीजीएम साहब तो अटेंडेंस सोमवार को भी देख सकते थे. फिर ख्याल आया कि वो अच्छा ये तो इनका डराने का पुराना तरीका है.
गैर कानूनी तरीके से सैलरी ले रहे
आईटी सेंटर, IRCTC के E4 यानी जीजीएम लेबल के अधिकारी को बायोमैट्रिक्स से हाजरी लगाना है और इसके लिए 2013 में ही सभी जोन में सर्कुलर इशू किया गया है. मगर साहब लोग सर्कुलर को धतता बताकर बायोमैट्रिक्स से हाजरी नही लगाते है. दूसरे शब्दों में कहें तो गैर कानूनी तरीके से सैलरी ले रहे है.
यह गैर कानूनी काम आईटी सेंटर के एचआर के काम देखने वाले श्री कादिरेशन डीजीएम् के मिलीभगत से होता है. इसके लिए आरटीआई एक्ट के तहत अप्लीकेशन लगाया था. जिसका आईटी सेंटर के पीआईओ श्री मृत्युंजय तिवारी ने न जबाब दिया और न ही प्रथम अपीलीय अधिकारी ने और मामला सीआईसी के यहाँ लंबित है.
किसी भी हाल में मैनेजमेंट की मनमानी नही चलेगी. किसी ने ठीक ही कहा है कि कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्बाद करती है. आज वर्कर जाग चूका है और इंकलाब आयेगा. आज तक मैनेजमेंट ने अपनी कूटनीति के बल पर अपनी मनमर्जी की है और हमारे हकों से हमें वंचित रखा है. हम अब नही सहने वाले और बदलाव लाकर रहेगे.
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