IRCTC (आईआरसीटीसी आईटी सेंटर व् कॉरपोरेट ऑफिस) की महिला वर्करों के लिए सुप्रीम कोर्ट के विशाखा गाईड लाईन्स के तहत यौन उत्पीड़न निषेध कमेटी ICC का गठन हो गया है. इस कमेटी का गठन की मांग हमने 15 जून 2015 को उठाया था. जिसके कारण कई वर्करों को मैनेजमेंट के द्वारा गैर कानूनी नौकरी से भी निकाला गया, फिर भी हिम्मत न हारते हुए ICC के गठन के लिए हम महिला आयोग से लेकर हर फॉर्म में मांग उठाया. आखिर मैनेजमेंट ने झुकते हुए, हमारे कानूनी हक को देने के लिए विवश हो गये.
IRCTC को मजबूरन ICC का गठन करना पड़ा
IRCTC द्वारा जारी इस Circular में अंतिम लाईन लिखा है कि वर्कर की जानकारी के लिए इसे प्रकाशित किया जाए. मगर जानकारी के अनुसार अभी तक न तो मैनेजमेंट ने प्रकाशित ही किया और न ही इसके सदस्यों के नाम का बोर्ड ही लगाया. मगर हम अपना फर्ज और महिला सदस्यों की जागरूकता के लिए सदस्यों के नाम सहित सर्कुलर पोस्ट कर रहे हैं.
अब किसी भी IRCTC महिला वर्कर के साथ को अधिकारी/वर्कर ज्यादती करे तो चुप नही रहे बल्कि आवाज उठाये. कार्यस्थल कानून, 2012 में बताया गया है कि किन परिस्थितियों में एक महिला कार्यस्थल पर किन स्थितियों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है, यह स्थितियां निम्न प्रकार की हो सकती हैं:-
- महिलाओं के प्रति अश्लील टिप्पणी,
- अश्लील फिल्में दिखाना,
- अवांछित रूप से शारीरिक छुअन,
- अश्लील बातें करना,
- अश्लील एसएमएस भेजना,
- फोन काल करना,
- काम में वरीयता देने की पेशकश करना,
- काम में बाधा उत्पन्न करने की धमकी देना,
- मौजूदा और भविष्य के जॉब उपलब्धियों को प्रभावित करने की धमकी देना,
- अपने व्यवहार से कार्यस्थल को डरावना और दखलपूर्ण बनाने,
वालों के खिलाफ कम्प्लेन किया जा सकता है. याद रखे अगर कोई आपको काम में बाधा भी पहुंचता है तो उसका भी शिकायत ऐसी कानून के तहत किया जा सकता है.
अगर कोई महिला साथी पीड़ित है तो आप अपनी लिखित शिकायत ICC के अध्यक्ष श्रीमती सुमन कॉलरा, कम्पनी सेक्रेटरी, आईआरसीटीसी के नाम डाक से भेजे या हाथो-हाथ देकर प्राप्ति साइन व मुहर सहित लें. उनको हर हाल में 90 दिनों के अंदर करवाई करना होगा. अगर आप पीड़ित है तो आपके शिकायत करने के बाद लिखित आवेदन देकर कारवाई के दौरान 90 दिनों के लिए पेड लीव ले सकती हैं. हम हमेशा आपके साथ हैं.
यह हमारे महिला साथियों के अनवरत संघर्ष का परिणाम है. जल्द ही नार्थ जॉन व् अन्य जोन में गठन का प्रयास जारी है.
केवल आईआरसीटीसी ही नहीं बल्कि देश की कोई भी महिला साथी को इस सन्दर्भ में मदद की जरुरत हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर संपर्क कर सकती है. अगर इस पोस्ट से एक भी साथी को न्याय मिल सका तो समझूंगा कि एक अच्छा काम कर लिया.
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