बढ़ा Minimum Wages नही देंगे
दिल्ली सरकार ने आज राज्य में अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल कर्मियों के न्यूनतम वेतन में करीब 37 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दे दी है . मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य मंत्रिमंडल के इस फैसले की घोषणा करते हुये कहा कि सरकार ने पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा बनाई गई 15 सदस्यीय समिति की इस संबंध में की गई सभी सिफारिशों को मंजूरी कर लिया. समिति का गठन न्यूनतम मजदूरी में संशोधन की सिफारिशें देने के लिये पिछले साल किया गया था. यह दूसरा मौका है जब दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने को मंजूरी दी है.
कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके
गौरतलब है कि पूर्व उप राज्यपाल ने पिछले साल सितंबर में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को निरस्त कर दिया था. उन्होंने कहा था कि आप सरकार ने समिति गठित करने के लिये उनकी पूर्वानुमति नहीं ली थी. केजरीवाल ने कहा कि समिति की सिफारिशों को सोमवार को नये उप राज्यपाल अनिल बैजल को भेज दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि वह स्वयं उप राज्यपाल से मिलकर इन सिफारिशों को मंजूरी देने का आग्रह करेंगे ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके.
नया न्यूनतम वेतन देने से इंकार कर दिया
अदालत से राहत के बाद उद्यमी फिलहाल बढ़ा हुआ वेतन नहीं देंगे.बिजनेस स्टैंड के अनुसार दिल्ली फैक्टरी ओनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी का कहना है कि उद्यमियों से दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मिली राहत के बाद बढ़ी दरों पर वेतन नहीं देने के लिए कहा गया हैं. जब दिल्ली में बिजली-पानी, स्वास्थ्य पर खर्च घट रहा है, तब न्यूनतम वेतन में 36 फीसदी वृद्घि की जरूरत ही नहीं है.
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा कि न्यायालय का अंतिम फैसला नहीं आने तक कारोबारी नई दरों के बजाय पुरानी दरों पर ही कामगारों को वेतन देंगे. इस तरह एक बार फिर से मजदूरों के खुशियों पर ग्रहण लग गया हैं. वर्करों को एकजुट होना जरुरी, क्योकि जब चंद मुठ्ठी भर मालिक एक हो सकते हैं तो हम क्यों नही?
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