Blog: देश मे हर खबर के उथल-पुथल के बीच एक नई खबर पढ़ने को मिली है. आपलोगों से शेयर किए बिना रहा न जा सका. आखिर बात ही कुछ ऐसी है. वर्तमान केंद्र सरकार देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती की जगह लैटरल एंट्री का भी प्रावधान करने जा रही है. इसको दूसरे शब्दों में बैकडोर इंट्री यानि पीछे के रास्ते से दाखिला और वो भी क़ानूनी तरिके से कह सकते है.
अभी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. मोदी निजी क्षेत्र के एक्जीक्यूटिव को विभिन्न विभागों में प्रधान सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव रैंक के पदों पर Lateral entry IAS नियुक्त करना चाहती है?
मोदी सरकार बनायेगी किसी को भी Lateral entry IAS
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सरकारी बाबुओं जैसे आईएएस, आईपीएस जैसे सीनियर अधिकारियों से लेकर जिम्मेदार पदों पर आसीन बाबुओं तक अपने 67 हजार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा शुरू की है. सरकार के अनुसार मकसद है अच्छा और खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान. सेवा से जुड़े कोड ऑफ कंडक्ट का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों को दंडित भी किया जा सकता है.
सरकार ने केंद्र में ऊंचे और प्रमुख पद दिए जाने के लिए आईएएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग के लिए 360 डिग्री (संपूर्ण) प्रोफाइलिंग शुरू की. अब समझने की बात है कि आने वाले दिनों में सरकार की जीहजूरी नहीं करने वाले या उनकी बात नहीं मानने वाले अधिकारीयों के ऊपर कामकाज की समीक्षा का हवाला देकर गाज गिराने की तैयारी चल रही है.
सूत्रों के मुताबिक, निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर चयन किया जाएगा. हालांकि, ऐसे लोगों के मौजूदा वेतन का निर्धारण नहीं किया जाएगा. कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनी समिति ऐसे लोगों का अंतिम रूप से चयन करेगी. माना जा रहा है कि शुरुआत में निजी क्षेत्रों, शिक्षा, गैर सरकारी संगठनों से जुड़े तकरीबन 40 ऐसे लोगों का चयन किया जाएगा. अब वर्तमान सरकार में सामाजिक कार्यकर्ता की परिभाषा क्या होगी.
यह आने वाला समय ही तय करेगा. इतना तो तय है कि सरकार इस पॉलिसी के द्वारा अपने लोगों यानि भाई भतीजे को देश के सबसे प्रतिष्ठ पद सिविल सेवाओं में पर आसीन करने की बहुत बड़ी साजिश है. आज तक योग्यता की दुहाई देकर आरक्षण की समाप्ति के स्वांग रचाने वाली सरकार बताये की यह क्या है?
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सियासत की शतरंज पर अपने मोहरे फिट करने की चाल है।
सियासत की शतरंज की बिसात पर अपने मोहरे फिट करने की चाल है।
rampal sharma जी आपने बिलकुल सही कहा. इससे तो देश का भला होने से रहा