आँगनवाड़ी महिलाओं ने घंटों रिंग रोड़ जाम किया
सरकारी तंत्र के द्वारा धमकियों और मेमो देने के बावजूद जिस बहादुराना तरीके से 30 जून को सभी ने हज़ारों की संख्या में बारिश होने के बावजूद भी दिल्ली सचिवालय और रिंग रोड का चक्का जाम किया है वो काबिल-ए-तारीफ है. इनकी मुख्य माँग है कि केजरीवाल सरकार 2015 में हमसे किये सभी वादों को पूरा करे, उनका मानदेय कम से कम न्यूनतम वेतन जितना किया जाए और उन्हें ‘कर्मचारी’ की श्रेणी में लाया जाए ताकि उनको भी श्रम क़ानूनों के तहत आने वाले सब अधिकार हासिल हों.
यूनियन के आह्वान है कि तब तक दिल्ली की सभी अँगनवाड़ियाँ बंद रहेंगी, न तो किसी आँगनवाड़ी पर खाना उतारा जाएगा, न ही बाँटा जाएगा, न ही हम एम.पी.आर. भर के जमा करेंगी, न पोलियों या टीकाकरण, न आधार, न जनगणना, न बी.एल.ओ. का काम करेंगी. वे सभी सभी दिल्ली की आँगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर 2 जुलाई से शुरू पल्स पोलियो अभियान का भी बहिष्कार करेंगी.
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