Blog- किसी ने सच ही कहा है कि संघर्ष कभी न कभी रंग लाता ही है। मगर इसके लिए बिना रूके बिना थके प्रयास करते रहना होता है। आखिर पिछले दो वर्षों की मेहनत काम कर गयी। आज मेरे आरटीआई आवेदन (दिनांक 19.01.2015) की सुनवाई केन्द्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्त श्री अमिताभ भटाचार्या ने की। जिसमें उन्होंने दिनांक 22.06.2017 को आदेश में अपीलार्थी को आईटी सेंटर, आईटी सेंटर, आरआरसीटीसी, स्टेट इंट्री रोड, नई दिल्ली में संयुक्त निरीक्षण कर वहाॅं काम कर रहे सभी IRCTC अधिकारियों कर्मचारियों के Biomatrix Attendance के इंस्पेक्शन का आदेश दिया है। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, मगर वास्तविकता यही है।
IRCTC के अधिकारियों के Biomatrix Attendance निरक्षण
मैंने (सुरजीत श्यामल) दिनांक 19.01.2015 को आरटीआई आवेदन के माघ्यम से श्री मृत्युंजय तिवारी जन सूचना अधिकारी, आईटी सेंटर, आरआरसीटीसी से उनके अधिनस्त विभाग आईटी सेंटर के आईआरसीटीसी Officers व् Employees के Biomatrix Attendance जुड़ी जानकारी की मांग की थी। जो कि आरटीआई एक्ट 2005 में निर्धारित समय के अनुसार प्रदान करने में विफल रहें।
इसके बाद तुरंत ही दिनांक 04.08.2015 को उपरोक्त सूचना के लिए प्रथम अपीलीय पदाधिकारी को आवेदन दिया। जिसका अतिरिक्त काॅपी भी श्री मृत्युंजय तिवारी जन सूचना अधिकारी, आईटी सेंटर, आरआरसीटीसी को स्पीड पोस्ट के द्वारा भेजा। मगर तब भी दोनों में किसी ने मांगी गई सूचना उपलब्ध नही करायी।
Central Government Employees News हिंदी में
उन्होंने दिनांक 30.07.2015 को द्वितीय अपील के तहत केन्द्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिसकी सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया गया है। इस सुनवाई का बुलावा पत्र् उनको नही मिल पाया। जिसके कारण मैं सुनवाई में उपस्थित नही हो पाया। सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी ने माननीय आयोग के पास फर्जी साक्ष्य पेश करते हुए कहा कि उन्होने 19.08.2015 को जानकारी उपलब्ध करवायी है। जबकि अपीलार्थी को आज तक कोई भी जबाब प्राप्त ही नही हुआ। इसके खिलाफ दुबारा से माननीय आयोग के पास शिकायत करने जन सूचना अधिकारी श्री मृत्युंजय तिवारी पर आयोग के समक्ष गलत तथ्य को पेश करने के लिए जुर्माना लगाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करेंगे।
पूरा मामला क्या है?
आईआरसीटीसी प्रबंधन ने फरवरी 2013 में एक सर्कुलर जारी कर सभी कर्मचारियों/अधिकारियों को वाॅयोमैट्रिक्स मशीन द्वारा हाजरी लगाने का निर्देश जारी किया था। जिसके उपरान्त कर्मचारियों पर तो यह तुरंत ही लागू कर दिया गया मगर अधिकारीगण ने इसका पालन नही किया। आईआरसीटीसी प्रबंधन ने कर्मचारियों/अधिकारियों के लेट-लतीफी और बिना काम पर आये हाजरी बनाकर सैलरी लेने से परेशान होकर यह कदम उठाया था। मगर जिस तरह से जन सूचना अधिकारी ने 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी उपराक्त जानकारी उपलब्ध नही कराया, जोकि खुद व खुद वया करता है कि दाल में कुछ तो काला है।
Application Copy- Page 1
CIC ORDER COPY
जिसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने निरक्षण कर बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस का रिकॉर्ड देने का निर्देश दिया है। यह याद रखिए कि आपकी चुप्पी ही उनकी ताकत है। आपमें से किसी को आदेश की कॉपी चाहिए तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बताइये। इससे सम्बंधित कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
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सचमुच यह एक ऐतिहासिक फैसला है, और हम सभी सैकड़ो कर्मचारियों को आपसे व् निर्णय से प्रेरणा लेना चाहिए | सुरजीत जी हम सभी सैकड़ो-हजारो कर्मचारी सदैव साभार आपके साथ है…और जरुरत पड़ी तो भ्रष्ट अधिकारीयों की ईट से ईट बजाने से भी पीछे न हटेंगे..अब भी वक्त है सुधर जाए ये भ्रष्ट अधिकारी|कर्मचारी एकता जिंदाबाद |
नीतू जी, हमारा एक ही कहना है कि किसी भी विवाद का हल बातचित से ही है और
आईआरसीटीसी के मगरूर अफसर सुन लें जो झुकते नहीं ओ टूट जाते है. क्यों सही कहा न?
बिलकुल सही कहा जी
वैसे भी अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है की कुछ लोग बिना चाबुक/ हंटर की
मार पड़े कोई काम इमानदारी से नही करते है…
ये अफसर अगर पहल नही करते विवाद को हल करने के लिए..तो ये स्वयं भी विवाद में
पड़ सकते हैं |लेकिन ये आराम दायक कुर्सी है जो इन्हें सोचने समझने की शक्ति क्षीण
की हुई है..
PLZ PROVIDE ME COPY OF CIC ORDER IN R/O BIO-METRIC ATTENDANCE CASE. GREAT JOB SIR.
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