नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले तैतीस वर्षों से चल रहा टीसीएस कम्पनी का दफ्तर बंद होने जा रहा है. जिसके बाद बताया जा रहा है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विस का दफ्तर बंद होने से यहां पर काम कर रहे 2200 TCS Employees प्रभावित होंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्हें दूसरे ऑफिसों में शिफ्ट किया जाएगा.
TCS Employees की नौकरी दांव पर
टीसीएस का यह दफ्तर गोमतीनगर में स्थित हैं. जिन कर्मचारियों को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा उनकी संख्या 1700 के करीब हैं. वहीं 500 कर्मचारी हाउसकीपिंग, सिक्युरिटी और अन्य कामों से जुड़े हुए हैं. अमर उजाला के खबर के अनुसार कर्मचारियों ने कहा कि दफ्तर बंद करने की सूचना मौखिक रुप से दी गई है. इसके लिए किसी तरह का कोई ई-मेल या फिर नोटिस नहीं दिया गया है. कर्मचारियों ने दफ्तर को बंद करने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से गुहार लगाई है. अब देखना है कि योगी जी क्या उपाय करते हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि अगर टीसीएस अपने इस ऑफिस को बंद करती है तो उनको काफी समस्या आ जाएगी, क्योंकि वो पारिवारिक मजबूरी के कारण यहां से जा नहीं सकते हैं. कर्मचारी बताते हैं कि टीसीएस का लखनऊ में ऑफिस तब खुला था, जब आईटी सेक्टर के बारे में किसी को पता नहीं था. यह कंपनी के सबसे पुराने ऑफिसों में भी शुमार है. पहले इस ऑफिस को 1984 में महाराणा प्रताप मार्ग पर खोला गया था.
फिर जगह की कमी के कारण इसे स्टेशन रोड पर शिफ्ट किया. इसके बाद जब लखनऊ में गोमती नगर जैसा पॉश इलाका डेवलप किया गया तो फिर कंपनी ने शालीमार कार्पोरेट पार्क की बिल्डिंग में 2008 में इसे शिफ्ट कर दिया. जहां पर यह ऑफिस स्थित हैं उस इलाके में कई सारे प्रमुख मॉल और ऑफिस भी मौजूद हैं.
अभी तक यह क्लियर नही हो पाया है कि आखिर कम्पनी के बंद होने का कारण क्या है? क्या यह एक तरह का अघोषित छटनी तो नही? आखिर लखनऊ के कर्मचारी को अगर मुम्बई भेजेंगे तो वह स्वतः ही नौकरी छोड़ देगा. कम्पनी के इस रवैये से हजार लोगों के परिवार पर रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है.
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