ये लीजिये अब केंद्र सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों से सब्सिडी पर मिलने वाली रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें हर महीने प्रति सिलेंडर 4 रुपये बढ़ाने को कहा है. उनका मकसद अगले साल मार्च तक पूरी सब्सिडी को खत्म करना है. इस बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी.
गरीबों की जरूरत रसोई गैस सब्सिडी छीन रहे?
पहले तो बड़े प्यार से संपन्न लोगों को सब्सिडी छोड़ने को बोला गया. उसके बाद आमदनी का हवाला देकर सब्सिडी खत्म कर दिया गया. अब अचानक से ऐसा क्या हो गया कि आनन फानन में सरकार ने सब्सिडी ख़त्म करने का निर्णय ले लिया.
इसके अलावा, सब्सिडी का मकसद सस्ती शिक्षा देकर पढ़े-लिखे भारतीयों का एक रोजगार पूल बनाना हो सकता है जो कि देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सकें. इसके साथ ही कर छूट के जरिये चुनिंदा क्षेत्रों या कम विकसित क्षेत्रों को बढ़ावा देकर औद्योगिकीकरण को मजबूती प्रदान करना सब्सिडी का लक्ष्य हो सकता है. मंहगाई और भ्रष्ट्राचार को मुद्दा बनाकर जनता को “अच्छे दिन” का सपना दिखाकर सत्ता में आई सरकार द्वारा एक बार फिर से गरीब वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है. देश की जनता जनता एक तरफ मंहगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है. शायद सभी को याद होगा कि कुछ दिन पहले ही मिडिया में खबर आ रही थी कि किसान ने लाखों टन टमाटर और प्याज उचित दाम न मिलने से सड़क पर फेंक दिया. मगर अभी वही टमाटर 100 रूपये किलो भी नहीं मिल पा रहा है. आखिर कौन है ये लोग, जिन्होंने जमाखोरी करके आम आदमी कि नींद उड़ा दी है. आखिर सरकार इनपर लगाम लगाने में क्यों विफल है? मतलब साफ है की चाय बनाना और सरकार चलना अलग बात है.
ये लोग चाहे वो 1 दिन के लिए भी सांसद, विधायक या मंत्री बन जाये तो जीवन भर पेंशन लेंगे. भले ही हम जीवन भर खटने के बाद भी बुढ़ापे में पेंशन न मिलने के कारण, सड़क पर चाय बेचकर गुजरा करने को विवश हों. आखिर इनके पेंशन का पैसा कहां से आता है? जी हाँ वह पैसा भी आपके हमारे द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से टेक्स के रूप में जमा पैसा ही है.
जिससे सब्सिडी के रूप में राजभोग करते हैं. अगर हम देखें तो जनता को तो मात्र कुछ प्रतिशत ही सब्सिडी दिया जाता है. मगर ऐसे कानून बनाने वाले मंत्री से लेकर सांसद, विधायक का पूरा परिवार ही सब्सिडी पर पलता है, आखिर ये लोग अपनी सब्सिडी क्यों नहीं छोड़ते?
यह भी पढ़ें-
- दिल्ली में सेफ्टिक टैंक की सफाई के दौरान 3 सफाईकर्मियों हालत गंम्भीर 2 की मौत
- सुप्रीम कोर्ट का प्राइवेट नौकरी वालों के पेंशन में वृद्धि का महत्वपूर्ण फैसला, कैसे मिलेगा
- Labour Court में Reference का Process क्या है, जब Settlement Fail हो जाए
- Contract Worker का वेज कोड बिल से एक समान सैलरी 18000 हो जायेगा?