पटना: भारतीय रेल की प्रमुख ट्रेनों में से एक राजधानी एक्सप्रेस सोमवार को राजेंद्र नगर टर्मिनल से निर्धारित समय पर खुली, लेकिन पटना जंकशन आ कर रुक गयी. काफी समय तक जब ट्रेन नही खुली तो पैसेंजर ने ट्रेन देरी का पता किया तो पता चला कि पटना राजधानी एक्सप्रेस कर्मचारी 3 महीने से सैलरी नही मिलने के कारण हड़ताल पर पर चले गए.
पटना राजधानी एक्सप्रेस कर्मचारी 3 महीने से सैलरी नही
इस ट्रेन में खाना परोसनेवाले पटना राजधानी एक्सप्रेस कर्मचारी (कैटरिंग के स्टाफ) ने पिछले 3 महीनों से वेतन नही दिये जाने के विरोध करते हुए ट्रेन से उतर गये थे. जिसके कारण अधिकारियों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा. उसके बाद आनन-फानन में कैटरिंग स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था की जाने लगी.
उसके बाद लगभग रात्रि 8:10 बजे तक राजधानी एक्सप्रेस जंक्शन पर रुकी रही. हंगामा को रोकने के लिए आरपीएफ की टीम को प्लेटफॉर्म पर तैनात कर दिया गया था. हालांकि 45 मिनट ट्रेन रुकने के बावजूद हंगामा नहीं हुआ. कृष्णा इंटरप्राजेज नामक आउटसोर्स कम्पनी (ठेकेदार) के मार्फ़त काम करने वाले हड़ताली कैटरिंग स्टाफ का आरोप था कि लंबे समय से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वेतन वृद्ध भी नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक वैकल्पिक व्यवस्था के बाद ट्रेन पटना जंक्शन से रवाना हुई.
कैटरिंग में काम करने वाले एक कर्मचारी से बात करने पर पता चला कि सभी कर्मचारियों को मात्र 6 से 8 हजार रुपया प्रति महीना सैलरी दी जाती है. इसके अलावा उनको बिना कोई अन्य सुविधा के काम करना होता है. आईआरसीटीसी का केवल एक सुपरवाइजर मोनिटरिंग के लिए ट्रेन में मौजूद होता है और सारा काम हम आउटसोर्सिंग स्टाफ के जिम्मे होता है.
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