लखनऊ: यूपी के शिक्षामित्रों ने मोर्चा खोलते हुए सामान काम का सामान वेतन की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से लखनऊ में डेरा डाले हुए थे. जिसके बाद बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद अपना धरना खत्म कर दिया. बताया जा रहा है कि सरकार के तरफ से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद धरना समाप्त किया गया है.
यूपी के शिक्षामित्रों को समान वेतन मिलेगा?
जागरण के खबर के अनुसार शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम व रमेश मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान ही एकमत से प्रतिवेदन दे दिया गया है. इसमें कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन किया जाए और नया अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाए. इसके साथ ही ‘समान पद, समान वेतन के सिद्धांत का पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को तीन दिन का समय दिया गया है.
सुनने में यह भी आ रहा है कि शिक्षामित्रों के राज्यव्यापी आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने अपना दांव पहले ही चल दिया था और उन्हें मूल पदों पर वापस करने के साथ ही मानदेय दस हजार किए जाने और टीईटी का कार्यक्रम भी जारी कर दिया था. इसके बावजूद तीसरे दिन भी लक्ष्मण मैदान पर शिक्षामित्र दिन भर डटे रहे. जिसके दोपहर बाद प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी की योजना बना ली थी और सैकड़ों बसों को जमा भी कर लिया गया था लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात को हरी झंडी दे दी.
बताया जाता है कि सायंकाल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा कि सरकार उनसे पूरी सहानुभूति रखती है और इसीलिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा सरकार उनकी समस्याओं पर सर्वमान्य रास्ता निकालना चाहती है लेकिन यह तभी संभव है जबकि समस्याओं के बारे में एकमत होकर मांगें रखी जाएं.
जानकारी के लिए बता दें कि सामान काम का सामान वेतन का प्रावधान 1970 में बने ठेका कानून में ही है. जिसके बाद दिनांक 26 अक्टूवर 2016 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के वावजूद अभी तक सरकार ने इसको लागु करवाने कि दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया है.
इधर दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो नीति आयोग ने सेक्शन 25 को ख़त्म करने की सिफारिश की है. इसके बाद कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को स्थाई वर्कर को बराबर सुवधाएं नहीं देनी पड़ेगी. केंद्र सरकार कांट्रैक्ट लेबर (रेगुलेशन एंड एबोलिशन) सेंट्रल रूल्स, 1971 के सेक्शन 25 को खत्म करने पर विचार कर रही है. सेक्शन 25 में ही समान काम के लिए समान वेतन देने का प्रावधान है.
अब ऐसे में यह समय ही बतायेगा कि यूपी सरकार सच में सामान काम का सामान वेतन देगी या आंदोलन को कमजोर करने के लिए चाल चली गयी है. यह तो साफ है कि अभी तक सरकार ने आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा भी नहीं की है.
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