मध्य प्रदेश: एक टीवी पर प्रचार आता है कि “एमपी अजब है”. बनाने वाले ने बिलकुल सही बनाया है. एमपी हर मामले में अजब है. अभी हाल में ही मध्य प्रदेश के सागर जिले में जब एक महिला ने बंधुआ मजदूरी करने से इंकार कर दिया तो उनके पति के साथ मारपीट ही नहीं कि गई, बल्कि उस महिला को चोट पहुंचते हुए नाक तक काट दिया गया. अमर उजाला के खबर के अनुसार पीड़ित दंपत्ति इंसाफ की आस में अपना मामला लेकर सर्किट हाउस में महिला आयोग के सामने पहुंच गया. वहीं महिला आयोग के निर्देशों पर पुलिस मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू कर दी है.
बंधुआ मजदूरी से किया इनकार तो..
जहां एक दलित 35 वर्षीय महिला की नाक इसलिए काट दी गयी कि उसने बंधुआ मजदूरी से इनकार कर दिया. जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला के पति को भी बहुत पीटा गया है. घटना के बारे में बताते हुए महिला के पति राघवेंद्र ने बताया कि ऊंची जाति के दो लोगों ने हमारे साथ यह दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने मेरी पत्नी के नाक पर कुल्हाड़ी से वार किया और उसकी नाक काट दी.
राज्य व् पुलिस प्रशासन की सुस्ती से अपराधी का बढ़ता मनोबल के कारण ही इस तरह की घटनाये हो रही है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि अपराधी को उनके कद के अनुसार सज्ञान लिए जाता है. अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या गरीब आदमी को न्याय मिल पायेगा? एक गरीब आदमी पेट के लिए काम करेगा या अपने न्याय के लिए आयोग, थाने या कोर्ट के चक्कर लगाएगा.
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