डॉक्टर कोमल यादव ने दो बच्चियों को गोद लिया
जिसके बाद उसका ईलाज करने वाली अविवाहित महिला चिकित्सक कोमल यादव ने उन दोनों बच्चों को गोद लेकर मिशाल कायम कर दी है. अब भले ही सरकार ने बेटी बचाओं का नारा दिया हो मगर इस नारा को सार्थक तो कोमल यादव ने ही किया है. डॉक्टर कोमल यादव ने दो बच्चियों को गोद लेने की काफी सराहना हो रही है. उनका यह प्रयास सचमुच सैलूट करने लायक है.
पंजाब केसरी के अनुसार बुलन्दशहर में गुलावठी कस्बा के ईसेपुर गांव की निवासी डाक्टर कोमल यादव फर्रुखाबाद के एक निजी अस्पताल में तैनात हैं. बताया जा रहे है कि डॉक्टर कोमल की ड्यूटी के दौरन एक महिला ने जुड़वां बच्ची को जन्म दिया. जन्म देने के पश्चात् ही वह किसी को बिना बताये अस्पताल से कहीं चली गई.
काफी खोजबीन करने के बाद महिला अस्पताल से घर जाने के दौरन मिल गई मगर उसने पति की मौत और गरीबी का हवाला देकर बच्ची को अपनाने से इंकार कर दिया. अब हमरे मन में यह सवाल आता है कि क्या कोई मां ऐसी हो सकती है और नौ महीने पेट में रखने के बाद अपने दूधमुंहें बच्चे को कैसे छोड़ सकती है. मगर ऐसा ही हुआ है.
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाकर दोनों बच्ची को अनाथालय भेजनी की प्रक्रिया में लगी थी कि डॉक्टर कोमल यादव ने उन दोनों बच्चियों को गोद लेने की बात कह कर सबको चौंका दिया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने जीवन के उतर चढ़ाव का हवाला देकर काफी समझाया मगर अंततः कोमल यादव की जीत हुई और बच्चियों को क़ानूनी तौर पर उनको गोद दे दिया गया. बताया जाता है कि सभी ग्रामीणों ने उनकी इस पहल का स्वागत किया.
Mujhe Dr komal.yadav m mobile no chaiye Kay aap. De Skte h mujhe Meri email per unke no bhj De ya unko mere no Dede.
सॉरी दोस्त