नोएडा: महिला घरेलू कामगार, जो कि दूसरे के घरों में काम करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. भले ही यहां हमने कामगार शब्द यूज किया हो मगर समाज और सरकार इनको नौकरानी से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता है. इनमें से कुछ तो एक ही घर में काम करती है तो कुछ दिन में अलग-अलग कई घरों में समय के अनुसार काम करती हैं. अगर देखे तो सबसे ज्यादा उत्पीड़न इनका ही होता हैं. कहने को तो ये महिला कामगार हैं मगर न तो इनके काम का घंटा न मजदूरी दर ही तय किये हुए हैं. ये लोग अपने जरुरत और मालिक के जरुरत के हिसाब से मजदूरी पाते हैं. कुछ तो केवल पेट भर खाने पर ही पूरा जीवन गुजरने को विवश होती हैं.
घरेलू कामगार उत्पीड़न के खिलाफ
आज इन्ही घरेलू कामगारों के उत्पीड़न के खिलाफ एवं उनकी विभिन्न मांगों व् समस्याओं पर को गांव बरौला सेक्टर- 49 नोएडा में बैठक का आयोजन किया गया हैं. यह आयोजन घरेलू कामगार महिला संगठन उ.प़. नोएडा कमेटी के बैनर तले किया गया था. इस बैठक को सम्बोधित करते हुए जनवादी महिला समिति की वरिष्ठ नेता आशा शर्मा ने कहा कि बार – बार मांग करने के बाद भी उन्हें घरेलू कामगार का दर्जा देकर उन्हें न्यूनतम वेतन, साप्ताहिक अवकाश, इलाज की सुविधा, पैन्शन, बीमा व सामाजिक सुरक्षा आदि के लिए सरकार कानून नही बना रही है.
आगे उन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर बैठक मे ऐलान किया कि घरेलू कामगारों को न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा दिये जाने की मांग पर घरेलू कामगार महिला संगठन, जनवादी महिला समिति, सीटू संगठनो द्वारा आगामी 4 दिसम्बर 2017 को उत्तर प़देश विधान सभा पर जोरदार तरीके से धरना-प़र्दशन किया जायेगा. इसकी तैयारी मे पूरे जिले व प्रदेश में अभियान चलाया जायेगा. इस बैठक को महिला नेता लता सिंह, आशा यादव, ममता, सुनीता, हेमा, सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने सम्बोधित किया.