देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हर साल 2 करोड़ सरकारी नौकरी देने के वादा किया था, लेकिन हो कुछ और ही रहा है. भारतीय स्टेट बैंक का नाम शायद ही कोई नहीं जनता होगा. अभी हाल ही में पेनल्टी चार्ज से करोड़ो रुपये की आमदनी की खबर सबने सुनी होगी. इसके बाद कर्मचारियों के बारे में खबर आ रही है. जानकारी के अनुसार SBI ने दस हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला.
SBI ने दस हजार कर्मचारियों को नौकरी
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया यानि एसबीआई ने अभी हाल ही में अपने छह एसोसिएट्स बैंकस स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का विलय कर लिया है. इसके कारण बैंकों के ब्रांचों का भी विलय हो गया. इसका मतलब यह हुआ कि एक ही बैंक में अब 6-7 ब्रांच के काम होने लगे. इससे स्वभाविक सी बात है कि उस ब्राँच में स्टाफ कि संख्या बढ़ जायेगी. जिसके बाद एक्सेसेस स्टाफ बोलकर छटनी तय है.
विलय के बाद स्टेट बैंक की देशभर में कुल शाखाओं में 6,847 की बढ़ोतरी हुई है और इनकी संख्या बढ़कर 23,423 तक पहुंच गई है. स्टेट बैंक के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से सितंबर के दौरान 11,382 लोग रिटायर हुए हैं, जबकि सिर्फ 798 लोगों की नई भर्ती हुई है. अमर उजाला ने लिखा है कि मार्च 2017 के दौरान उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 2,79,803 थी और सितंबर अंत में यह संख्या घटकर 2,69,219 रह गई है.अब आप सोच रहें होंगे कि यह क्या है. तो समझ लीजिये कि अच्छे दिन की शुरुआत भर है अभी..
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