अभी तक लगभग सभी लोग बीपीओ के नाम से वाकिफ होंगे. मगर अभी केंद्र सरकार कुछ ऐसी योजना पर विचार कर रही है. जिसको जानकार मारे ख़ुशी के उछाल पड़ेंगे. जी हां केंद्र सरकार एक ऐसी योजना लाने पर विचार कर रही है. जिसके तहत महिलाएं घर बैठे बीपीओ का काम कर सकेंगी. इसके तहत एक ऐसे ही प्लेटफॉर्म को डेवलप किया जा रहा है, जिसके तहत 100 महिलाएं मिलकर वीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग में काम कर पायेंगी. यहां सबसे बड़ी बात है कि आज के समय में बीपीओ में अच्छी सैलरी पैकेज मिलती है. ऐसे में अगर महिलाओं को घर बैठे इसमें काम करने का मौका मिलता है तो शायद यह उनके कैरियर के लिए बहुत ही अच्छा होगा.
महिलाएं घर बैठे बीपीओ का काम कर सकेंगी
देश में आईटी सेक्टर का विकास केवल कुछ चुने हुए शहरों तक सीमित रहा
अभी तक देश में आईटी सेक्टर का विकास केवल कुछ चुने हुए शहरों तक सीमित रहा है. जिसमें भारत के केवल शहरी इलाकों जैसे दिल्ली-नोएडा-गुरुग्राम, मुंबई-पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु-मैसूर और चैन्नई में अधिकतर आईटी कंपनियां हैं. इसी बात को मद्धेनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने सन 2014 में फैसला किया कि छोटे शहरों में भी आईटी की नौकरियों का प्रसार किया जाए. इसके परिणाम स्वरूप भारत में बीपीओ प्रमोशन की शुरुआत हुई.
बीपीओ प्रमोशन स्कीम उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में शुरू हो चुकी है
अगर डेलीहंट की माने तो बीपीओ प्रमोशन स्कीम उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के अलग-अलग शहरों में शुरू हो चुकी है. इनमें अधिकतर टियर-2 वाले शहर हैं. यूपी के बरेली, कानपुर और वाराणसी, आंध्र प्रदेश के तिरुपति, गुंटुपल्ली, राजमुंदरी, बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर, हिमाचल प्रदेश के बद्दी और शिमला, मध्य प्रदेश के सागर, ओडिशा के भुवनेश्वर, कटक और जलेश्वर, तमिलनाडु के कोट्टाकुप्पम, मदुरै, मइलादुथुरई, तिरुचिरापल्ली, तिरुप्पटूर और वेल्लोर, तेलंगाना के करीमनगर, जम्मू और कश्मीर के भदेरवाह, बडगाम, जम्मू, सोपोर और श्रीनगर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, भिवंडी, सांगली और वर्धा में यह योजना शुरू हुई है. पूर्वोत्तर के गुवाहाटी, जोरहाट, कोहिमा, इम्फाल आदि में भी बीपीओ शुरू हो गए हैं.
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