नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में तैनात लगभग साढ़े तेरह हजार हरियाणा गेस्ट टीचर के लिए राहत की खबर है. अमर उजाला में छपे खबर की माने तो सरकार ने घोषणा किया है कि अब किसी भी गेस्ट टीचर्स की नौकरी नहीं जाएगी. सिटी करनाल में अपनी मांगो के लेकर शहीद की विकलांक विधवा और अपने बेटे द्वारा मुंडन के बाद यह फैसला लिया गया है. बताया गया कि इसके बाद काफी हंगामा मच गया. जिसके बाद सरकार की अच्छी खासी किड़किड़ी हो गई थी.
हरियाणा गेस्ट टीचर को बड़ी राहत
इसके बाद 17 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास पर मनोहर लाल खट्टर और गेस्ट टीचर्स प्रतिनिधि के साथ 11 बजे मीटिंग हुई. जिसके परिणाम गेस्ट टीचर्स के हक में सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. जानकारी के लिए बता दें कि अब किसी भी स्कुल में सरकारी शिक्षक की तैनाती के लिए गेस्ट टीचर को नहीं हटाया जायेगा. शिक्षा निर्देशायालय ने इस सन्दर्भ में सभी डीईओ और डीईईओ को निर्देश जारी कर दिए हैं.
उनके निर्देशों में गेस्ट टीचर्स को प्रोटेक्ट करने को कहा गया है. इसका मतलब है कि जिस भी स्कुल में गेस्ट टीचर को रिप्लेस करने के किये सरकारी शिक्षक ट्रांसफर हो कर आये हैं या नियुक्त किये गए है. अब उन्हें दूसरी जगह एडजेस्ट किया जायेगा. सभी डीईओ और डीईईओ सुनिश्चित करेंगे कि अब कोई भी गेस्ट टीचर नहीं हटाया जायेगा.
इसके आलावा जो गेस्ट टीचर पिछले 10-12 साल से काम कर रहे हैं उनके लिए आने वाले दिनों में “समान काम का समान वेतन” देने के बारे में विचार कर सकती है. जबकि गेस्ट टीचर पक्का करने की भी मांग कर रहें हैं. अब देखना है कि सरकार कब तक निर्णय ले पाती है. एक तरह से देखे तो यह उनके आंदोलन और महिला गेस्ट टीचर नैना यादव की जीत है. खट्टर सरकार के वादा खिलाफी के कारण महिला गेस्ट टीचर ने करनाल में मुंडन करवाया था. जिसके बाद पुरे प्रदेश में सरकार विपक्ष से लेकर लोगों के निशाने पर थी.
यह भी पढ़ें-