बिहार में रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में आईआईटी की अनिवार्यता समाप्त करने का विरोध थमने का नाम ही नही ले रहा है. इसको हटाने की मांग को लेकर पहले आरा, फिर राजेन्द्र नगर स्टेशन और अब मंगलवार नया टोला पटना में छात्रों ने जम कर बबाल काटा. जानकारी के अनुसार विरोध में कोचिंग बंद कराने गए छात्रों और कोचिंग संचालकों में बकझक से शुरू होकर मारपीट ने बदल गया. जिसके बाद पुलिस को लाठी तक भाजनी पड़ी. इस दौरान कुछ लोग घायल भी हुए है.
रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में आईटीआई अनिवार्यता
जानकारी के लिए बता दें कि भारी विरोध के कारण रेलवे ग्रुप सी और डी के सभी पदों पर आयु सीमा 2 वर्ष बढ़ा दी गई है, मगर छात्र रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में आईआईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए पूरे देश में छात्रों ने मोर्चा संभाल रखा है और दिन प्रति दिन विरोध बढ़ता ही जा रहा है. मामला वाकई गम्भीर है और इस पर रेलमंत्री को जल्द ही निर्णय लेना चाहिए.
सुनने में यह तक आया है कि आंदोलनकारी छात्रों को झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल तक भेजा जा रहा है, जो कि सरकार का एक गलत स्टेप है. जो छात्र पिछले 4 साल से भर्ती का इंतजार कर रहे थे. उनके 4 साल के बर्बादी का जिम्मेदार आखिर कौन है? ऐसे में उनकी मांग जायज है और उल्टे जेल भेजना कहाँ तक उचित है. हम मानते हैं कि उग्र आंदोलन न कर शांतिपूर्वक मांग करनी चाहिए थी, मगर सवाल यह भी है कि आखिर यह परिस्थिति पैदा कैसे हुई.
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