नई दिल्ली: राजस्थान की सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ किसानों ने बिगुल फूंक दिया है. राजस्थान विधानसभा को घेरने के लिए हजारों की संख्या में किसान जयपुर की ओर कूच कर रहे हैं. उनके उग्र आंदोलन के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने दो दिन पहले ही किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम सहित पेमाराम और 80 से ज्यादा किसान नेताओं को 28 फरवरी तक जेल में डाल दिया है.
राजस्थान किसान और बीजेपी सरकार आमने सामने
जानकारी के अनुसार पुरे प्रदेश से जयपुर की ओर बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने नाकाबंदी कर रोक दिया है. जिसके कारण सड़को पर जगह-जगह जाम लग गया है. विगत 21 फरवरी को अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं ने कहा था कि आंदोलन अपनी मांगें मनवाने का लोकतांत्रिक हथियार है लेकिन, सरकार आंदोलन को कुचलने के लिए दमनात्मक नीति अपना रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में किसानों के घरों पर दबिश देकर उन्हें धमकाया जा रहा है. उन्होंने वसुंधरा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार का रूख सही नहीं रहा तो आंदोलन उग्र रुप भी ले सकता है. उनके साथ समाजवादी पार्टी और नागरिक मंच ने भी किसान आन्दोलन को अपना समर्थन दिया है.
इधर सीपीआईएम, जयपुर राज्य कार्यालय, मज़दूर किसान भवन, हटवाड़ा रोड़, जयपुर को पुलिस के भारी बंदोबस्त से छावनी समान बना दिया है. अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में पूरे राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्गों पर जगह-जगह लाखों की संख्या में जयपुर आ रहे हैं.
इस आंदोलन के बारे में अमर उजाला ने लिखा है कि सुबह से ही जयपुर की ओर बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने जगह—जगह रोकना प्रारंभ कर दिया है. जिस कारण कई सड़कों पर जाम लग गया है. वही पत्रिका न्यूज ने 500 वहां जाम में फंसे होने के साथ 5 जिले के हजारों यात्री बेहाल के साथ 2018 का सबसे बड़ा जाम बताया है.