रेलवे भर्ती बोर्ड ने ग्रुप डी परीक्षा के नियमों में बदलाव के कारण एक बार फिर से विरोध शुरू हो गया है. इस बार विरोध रेलवे की परीक्षा से आईटीआई अनिवार्यता को समाप्त करने के विरोध में हैं. आईटीआई डिग्रीधारी इसको दुबारा से अनिवार्य करने की मांग कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार बिहार के पूर्णिया जिले के आईटीआई छात्रों ने शुक्रवार को तो दरभंगा जिले के छात्रों ने कल यानि सोमवार को ग्रुप डी की परीक्षा से आईटीआई को हटाने के के विरोध में जमकर हंगामा और नारेबाजी की. विरोध में कल छात्रों ने दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे तक रोक कर रखा.
रेलवे भर्ती बोर्ड ने पहले जो नोटिस जारी किया था जिसके मुताबिक उसमें केवल आईटीआई पास ही इस परीक्षा में भाग ले सकते थे. अब इसकी अनिवार्यता को खत्म कर इसे वैकल्पिक कर दिया गया है. लेवल-1 के पदों में पोर्टर, गेटमैन, और हेल्पर शामिल हैं. जब रेलवे ने बहाली निकाली तब आईटीआई की अनिवार्यता और उम्र सीमा को लेकर कई नए नियम जोड़ दिए गए थे.
जिसके विरोध में छात्रों ने जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद तो बिहार के ही आरा रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी थी. इसके बाद भी विरोध रुका नहीं और दूसरे दिन राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद भी विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा था. जिसके बाद रेलमंत्री ने खुद ट्वीट कर आईटीआई की अनिवार्यता को समाप्त करने की घोषणा कर दी.
2014 में केंद में बीजेपी सरकार बनते ही सरकारी भर्ती पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद रेल से लेकर हर विभाग को निजी हाथों में देने की तैयारी जोर-शोर से है. आधे से अधिक विभाग जैसे सफाई, सिक्योरिटी, ऑपरेशन, क्लर्क लेवल कर हर काम आउटसोर्स किया जा चूका है. ऐसे में चुनाव से मात्र 1 वर्ष पूर्व रेलवे बोर्ड भर्ती निकलता है.
जिसमें जान-बुझकर नियम बदले जाते हैं ताकि छात्र विरोध करे और उनको मौका मिले डेट बढ़ाते रहने का. ठीक उसी तरह हो भी रहा है. कभी आईटीआई अनिवार्य करने का विरोध तो कभी आईटीआई हटाने का विरोध हो ही रहा है. इसके बाद भी अगर एग्जाम समय पर हो भी गया और चुनाव से पहले रिजल्ट आ भी गया तो कहीं ऐसा न हो कि घोषणा हो जाये कि अगली बार हमें वोट देकर जिताएं तो नौकरी देंगे.
जो लोग अभी परीक्षा में आईटीआई शामिल करने का विरोध कर रहें हैं उनसे हमारा एक सवाल है कि आप ही क्यों, एमबीए और एमसीए वाले भी ग्रुप डी के एग्जाम में शामिल हो सकते हैं, फिर आप विरोध क्यों कर रहें हैं? कहीं इस तरह विरोध करके आप सरकार के राजनीती का हिस्सा तो नहीं बन रहे? इसके बारे में थोड़ा सोचे नहीं तो कल पछताने के सिवा कुछ हासिल नहीं होगा.
यह भी पढ़ें-
- विरोध के बाद राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों का निजीकरण के फैसले पर लिया यूटर्न
- सुप्रीम कोर्ट में बिहार के नियोजित शिक्षक के समान वेतन के जीत में कोई शक नहीं, मगर
- 5 साल से खाली पड़े सरकारी पदों को भरने की जगह समाप्त कर रही मोदी सरकार
- आईआरसीटीसी वर्करमैन पर पैसेंजर ने किया जानलेवा हमला, रेलमंत्री ध्यान दें