दूर फिरंगी को करने की सब ने मन में ठनी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी. आजतक हम झांसी को इसी नाम से जानते आयें हैं, मगर कल की एक अमानवीय घटना ने झांसी को ही नहीं बल्कि पुरे देश को शर्मसार कर दिया है. एक स्कुल के बस से दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद घायल को झांसी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया. जिसके बाद झांसी मेडिकल कॉलेज में घायल के पैर को तकिया बना दिया.
इसके बाद घायल व्यक्ति की टांग को काटकर डाक्टरों ने घायल के पैर को तकिया बना दिया. इसके बाद इस घटना की जानकारी जब परिवारजनों को मिली तो काफी हंगामा हुआ. इसी दौरान किसी ने इस घटना का वीडियों बनाकर वायरल कर दिया. जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली और आनफानन में स्थिति को गंभीरता से लेते हुए दी दो सीनियर डॉक्टरों व नर्सों समेत चार चिकित्सा अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
इस घटना के बारे में विभिन्न समाचार पत्रों ने लापरवाही बताया है, जबकि यह सरासर सरकारी अस्पतालों का सच है. जहां के ज्यादातर डॉक्टर मरीजों के साथ जानवरों जैसा वर्ताव करते हैं. चूंकि यह मुद्दा कैमरे के सामने आ गया तो अस्पताल प्रशासन ने अपनी साख बचने के लिए आननफानन में आरोपियों को ससपेंड कर दिया. इस घटनां को देखकर यही प्रतीत होता है कि यह किसी कुंठित सोच वाले डॉक्टर या नर्स का ही काम है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या केवल ससपेंड कर देने से काम चल जायेगा. यह तो सरासर मानव अधिकार का उल्लंघन है.
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