नई दिल्ली: पुरे देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बेरोजगारी का फायदा उठाकर कुछ लोगो ने कुछ अलग तरीके का रोजगार ढूंढ लिया है. ज्यादातर युवा अखबार से लेकर इंटरनेट के माध्यम से जॉब तलाशने में लगे रहते हैं. ऐसे में अब यदि किसी को यह पता चले की रेलवे में नियुक्ति निकली है, तो हमें नहीं लगता कि कोई भी अप्लाई करने से पीछे नहीं रहेगा.
रेलभवन में फर्जी साक्षात्कार का आयोजन
Job में अप्लाई करने के बाद अगर आपको साक्षात्कार के लिए रेल भवन में बुलाया जाए तो फिर क्या कहना. मगर बाद में ये पता चले कि यह तो फर्जी साक्षात्कार है तो शायद आपके होश ही उड़ जाए. जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ है.
ऐसा कोई हम नहीं कह रहे बल्कि खुद रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहांई ने सांसद श्री नीरज शेखर का राज्यं सभा अतारांकित प्रश्ना सं. 920 का दिनांक 09.02.2018 को जबाब देते हुए बताया है. अब जानते हैं कि आखिर क्या है ये मामला?
क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या रेल भवन, नई दिल्लीक के कमरा संख्या 09 में रेलवे में नौकरियों के लिए फर्जी साक्षात्कार का आयोजन करने वाले एक रैकेट का पता चला है;
(ख) यदि हां, तो तत्संकबंधी ब्यौरा क्याा है;
(ग) क्या सरकार ने इस बारे में जांच की है कि वे रेल भवन में साक्षात्कार हेतु कमरों तक कैसे पहुंच गए और इसमें कौन-कौन से रेल अधिकारी शामिल है;
(घ) यदि हां, तो इसमें शामिल व्यकक्तियों/अधिकारियों के ब्यौरे सहित तत्संबंधी ब्यौेरा क्या है; और
(ड.) रेलवे द्वारा उक्तो रैकेट के पहले पता चलने में विफल रहने के क्याब कारण हैं जिसे रेल मंत्री और रेलवे में राज्य् मंत्री के अधिकारियों के कमरों के नीचे चलाया जा रहा था?उत्तर
रेल मंत्रालय में राज्यम मंत्री (श्री राजेन गोहांई)
(क) से (घ): एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें कथित रूप से यह आरोप लगाया गया है कि रेलों पर रोजगार के लिए कमरा सं. 9, रेल भवन, नई दिल्लीे में फर्जी साक्षात्कार का आयोजन किया जा रहा था.
पीडि़त व्याक्तियों द्वारा पुलिस स्टेमशन, पार्लियामेंट स्ट्रीलट, नई दिल्लीक में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसे डायरी सं. 160-एस/जीसी दिनांक 27.12.2017 के तहत दर्ज किया गया.
रेल सुरक्षा बल द्वारा की गई जांच के दौरान इसका पता नहीं लगाया जा सका, कि कथित व्यक्ति रेल भवन में साक्षात्कार के लिए उस कमरे तक कैसे पहुंचा क्योंकि कमरा सं. 9 स्वागत क्षेत्र के बिलकुल नजदीक स्थित है जहां प्रवेश पास के बिना भी आगंतुक पहुंच सकते हैं.
(ड.): इस प्रकार के किसी भर्ती रैकेट के बारे में कोई सूचना न नोटिस में आई है अथवा लाई गई है.
हमने संसद प्रश्न और रेल मंत्री साहब का जबाब जैसे का तैसा ऊपर दे दिया है. उम्मीद है कि आपने पढ़ लिया होगा. रेल मंत्रालय के जबाब से हम तो संतुष्ट नहीं है. यह कोई नई बात नहीं है. बेरोजगारी का फायदा उठाकर गांव से दिल्ली नौकरी ढूंढने आये युवाओं को नौकरी का झांसा देकर हजारों रुपया खुलेआम लुटा जाता है. इसके लिए अब लुटेरे कभी रेल भवन तो कभी उधोग भवन चुनते हैं. लाइव हिंदुस्तान के खबर के अनुसार इससे पहले भी अगस्त 2017 में उद्योग भवन में नौकरी के नाम पर फर्जी साक्षात्कार का आयोजन हुआ था. जिसमें मेरठ के तीन बेरोजगार लड़कों की शिकायत पर एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ भी हुआ था.
कोई आतंकी बम लगा कर चला जाए तभी क्या यही जबाब देंगे?
ऐसा में रेलमंत्री का इस तरह का जबाब हैरान करने वाला है. जबकि उनको इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. अब सवाल यह भी है कि अगर फर्जी इंटरव्यू अगर हो और किसी को पता न चले. यह कैसे सम्भव है? हाई सिक्योरिटी एरिया है. ऐसे में तो कोई आतंकी बम लगा कर चला जाए तभी क्या यही जबाब देंगे? एक और बात भी गौर करने की है. अगर इस तरह का आरोप लगा तो एफआईआर हुआ दिल्ली पुलिस के पास और जांच रेल सुरक्षा बल द्वारा क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं की जानबूझकर किसी को बचाया जा रहा है. अब ऐसे में हमें ही नौकरी के नाम पर फूंक-फूंक कर कदम रखने की जरुरत है.
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