आज सुप्रीम कोर्ट में बिहार नियोजित शिक्षकों के “समान काम का समान वेतन” मामले की सुनवाई हुई. जिसमें बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 29 जनवरी 2018 के ऑर्डर के मुताबिक कमेटी का रिपोर्ट पेश किया था. जिसके अनुसार बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के योग्यता पर सवाल उठाते हुए 2 स्तरीय परीक्षा लेने की दलील दी. जिसमें पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को 20% सैलरी में वेतन वृद्धि की बात कोर्ट के सामने रखी. जिसके बाद कोर्ट ने कहा बिहार नियोजित टीचर को अगले महीने से मिले समान वेतन.
जिसके बाद माननीय कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए रिपोर्ट को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का एक कोई भी कारण बतायें. इसके बाद बिहार नियोजित शिक्षक के तरफ से अधिवक्तों ने कहा कि शर्म की बात है कि शिक्षकों को एक चपरासी से भी कम वेतन दिया जाता है.
बिहार नियोजित टीचर नेताओं ने बताया कि कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है. इसके अलावा बकाया राशि के लिए सुनवाई आगामी 27 मार्च 2018 को तय की गई है.
उक्त बातें जैसे कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर इंतजार करते हुए शिक्षक नेताओं को मिली, वैसे ही सभी के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई. लोग एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई देने लगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फैसले की सुनवाई के लिए 500 से अधिक शिक्षक नेता बिहार से चलकर दिल्ली आये हैं. एक तरह से पूरा सुप्रीम कोर्ट के आहाता में होली जैसा माहौल हो गया.
यह बहुत खुशी की बात है कि हम भी उनके खुशी में शामिल ही नही बल्कि इस पल के गवाह बनें. दोस्तों, जैसे ही आर्डर की कॉपी मिलती है, ठीक वैसे ही आगे की जानकारी अपडेट की जाएगी.
(यह खबर कोर्ट कैंपस में उपस्थित शिक्षक नेताओं के बयान पर आधारित है .)
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