एंजल रॉय ने कराटे चैम्पियनशीप में जीता गोल्ड
आज से एक साल पहले जुडो-कराटे क्लास में नाम लिखवाते समय, हमने सोचा भी न था कि एक साल में ही यह नन्ही सी जान इतना आगे निकल जायेगी. मगर अब हमें यकीन हो गया है कि यह बहुत आगे तक जायेगी. वो जब एक साल की थी तभी से मैरीकॉम के टाटा नमक का टीवी पर ऐड देखकर कहती थी कि “पापा मैंने भी देश का नमक खाया है“. मुझे भी मैरीकॉम की तरह देश का नाम रौशन करना है.
अभी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में तीन दिवसीय (5,6,7 अप्रैल 2018) आंठवा साउथ एशिया हाकुकाई कराटे चैम्पियनशीप 2018 का आयोजन किया गया था. वैसे तो इस टूर्नामेंट में अलग-अलग उम्र कैटेगरी के प्रतियोगियों के बीच मुकाबला हुआ है. इस टूर्नामेंट के दूसरे दिन हमारी बेटी एंजल रॉय ने अंडर-6 का गोल्ड मेडल झटक लिया.
टोकियो 37वें वर्ल्ड हाकुकाई कराटे चैम्पियनशीप 2018
इसके साथ ही उसका चयन अगस्त में होने वाले जापान, टोकियो 37वें वर्ल्ड हाकुकाई कराटे चैम्पियनशीप 2018 में भारत के तरफ से प्रतिनिधित्व के लिए किया गया है. एंजल ने यह जानकारी करीब दोपहर 2 बजे जैसे ही दी वैसे ही दोस्तों और सगे-संबंधियों को बताया. तभी से बधाई आना शुरू हो गया. आप भी यहां क्लीक कर ऐंजल को बधाई दें सकते हैं.
वह बड़ा होकर देश के लिए सोना जीतकर अपने दादाजी और गांव धमौन, समस्तीपुर, बिहार का नाम रौशन करना चाहती है.आप यह सोच रहे होंगे कि यह पोस्ट हमने क्यों लिखा? इसका मकसद आप सभी साथियों के साथ ख़ुशी बांटना और एक मैसेज देना है. आज भी समाज में बेटा-बेटी का भेदभाव है. अगर बेटी को मौका मिले तो वह भी आपका उतना ही नाम कर सकती जितना की एक बेटा करता है.
आज किसी भी क्षेत्र में बेटी पीछे नहीं है. उनके पर मत कतरिये, उसको उड़ने दीजिये. अगर इस स्टोरी को पढ़ कर आप में से एक भी माता-पिता का सोच बदलता है तो हमारा प्रयास सफल होगा. हां, एक बात और किसी के प्रति जलन की भावना को प्रतियोगिता के भावना में बदलिए, बहुत फायदा होगा.
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