IRCTC रेलनीर दानापुर के कर्मचारी हड़ताल पर
जानकारी के लिए बता दें कि रेल मंत्रालय के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिजम कॉर्पोरेशन के बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर में रेलनीर का प्लांट हैं. इस प्लांट की स्थापना सन 2014 में ट्रेनों और स्टेशनों पर शुद्ध पेय जल की आपूर्ति के लिए कई गई थी. रेलवे मिनीरत्न कंपनी आईआरसीटीसी के इस प्लांट में लगभग 80 आउटसोर्स कर्मचारी और 40 ऑपरेटर कार्यरत हैं. जिनके बदौलत ही कम्पनी रेलनीर का सप्लाई पुरे बिहार से लेकर हाबड़ा और सियालदह तक करती है. इसके वारे में कर्मचारी नेता सोनू कुमार ने बताया कि वैसे तो हमें परमानेंट के तरह नियुक्त किया था मगर बिना बताये आउटसोर्स वर्कर बना दिया.
गुड़िया देवी महिला होने के कारण नौकरी से निकाला
अपने बकाया वेतन 9 लाख रुपया मांगा तो नौकरी से निकाला
इस सन्दर्भ में कर्मचारी सोनू कुमार ने बताया कि मैनजेमेंट हड़ताल के बाद हमारे नेता को वापस रखने के लिए राजी हो गया है. मगर हमने साफ़ कह दिया है कि हमें हमारा बकाया भुगतान लगभग 9 लाख रुपया है, वह दिया जाए तभी काम शुरू होगा. जिसपर प्रबंधन ने हमें बिल का डिटेल की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन जल्द से जल्द इन बातों का सज्ञान लेकर हमें भारत सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन, पीएफ, बोनस आदि कि सुविधा दे. नहीं तो काम ठप्प रहेगा, और फैक्टी के नुकसान का जिम्मेवारी कम्पनी प्रबंधन को होगी.
आईआरसीटीसी एम्प्लाइज यूनियन के महासचिव सुरजीत श्यामल ने कहा कि आईआरसीटी का यह पुराना रवैया है कि जब कर्मचारी यूनाइट होकर अपना हक मांगता है तो पहले लीडर को निशाना बनाया जाता है फिर अगर कमर्चारी चुप रह गया तो फिर एक-एक कर सबको निकाल देतें हैं. मगर बिहार के साथियों ने एकता के साथ मैनेजमेंट का मुंहतोड़ जबाब दिया है. हम शोषण के इस लड़ाई में सदैव उनके साथ है और मैनेजमेंट से मांग करते हैं कि जल्द-से-जल्द उनके जायज मांग को पूरा किया जाए.
उन्होंने आगे बताया कि आईआरसीटी सेंट्रल गोवेर्मेंट के अंतर्गत आता है. रेलनीर और पटना आईआरसीटी के अन्य कंपनियों का देखरेख ईस्ट जोन कलकत्ता से ही किया जाता है. इस अनुसार सभी बिहार में काम करने वाले आईआरसीटी कर्मचारियों को Central Government India के 1 अप्रैल 2018 ने नोटिफिकेशन के अनुसार अकुशल कर्मियों का न्यूनतम वेतन – 642/- अर्ध-कुशल कर्मियों के 494/- कुशल कर्मचारियों के लिये 520/- अत्यधिक कुशल यानि स्नातक 572/- मिलना चाहिए. जबकि आईआरसीटी मात्र 448 रुपया प्रति दिन के हिसाब से भुगतान कर धोखा कर रही है.
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यूनिटी ही इनकी असली ताकत है और जब तक ये एकजुट रहेंगे इनका बाल भी बाका न मोदी कर पायेगा और न ही कोई कॉर्पोरेट।