देश के आजादी के लड़ाई के पहले सत्याग्रह ‘चंपारण सत्याग्रह’ का मंगलवार (10 अप्रैल) को 100 साल पूरे हुए. इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी चंपारण पहुंचे. उनकी आगवानी खुद मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने गुलाब का फूल देकर किया और फिर उन्हें गले से लगाया. इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम ने यहां महात्मा गांधी की मूर्ति के आगे सिर झुकाकर उन्हें नमन किया.
पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में हंगामा
इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब 20 हजार स्वच्छाग्रहियों और जनता को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के शुरू होने से पहले मोदी जी ने महात्मा गांधी के मूर्ति के आगे सिर झुकाकर उन्हें नमन किया. इसके बाद उन्होंने जनता को सम्बोधित करते हुए भोजपुरी भाषा में शुरुआत की. उन्होंने अपने संबोधन में बिहार को महात्मा गांधी का कर्मभूमि बताया.
सभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह के समय यहां के लोगों ने महात्मा गांधी के कंधे-से-कंधे मिलकर इस अभियान की शुरुआत की थी. हम बापू के अभियान को आगे बढ़ा रहें हैं. इतिहास खुद को दोहराता है. मेरे सामने जो वो स्वच्छाग्रही बैठे हैं, जिनके अंदर गांधी के विचार-आदर्श का अंश जीवित हैं. मैं ऐसे सभी स्वच्छाग्रहियों के भीतर मौजदू गांधीजी के अंश को शत-शत प्रणाम करता हूं.”
पीएम मोदी के भाषण के दौरान की कुछ स्वच्छाग्राही युवा हाथ में बैनकर लिए नौकरी की मांग करते नारेबाजी करते हुए दिखें. उनलोगों ने शांतिपूर्वक ढंग से पीएम मोदी का ध्यानाकर्षित करने की कोशिश की मगर मोदी जी बिना ध्यान दिए अपना भाषण जारी रखा. इस वीडियों में साफ़ दिख रहा है कि इसके बाद लोग भाषण बीच में छोड़कर सभा स्थल से जा रहे हैं.
अब केवल भाषण देने से काम नहीं चलेगा. हां कल मोदी जी ने लोगों के खाने से ज्यादा पैखाना जाने पर जोर दिया. जो कि काफी हास्यपद है. मोदीजी, “खायेगा इंडिया तभी तो जायेगा इंडिया“. हम यह पूछना चाहते है कि क्या स्वक्ष्य भारत अभियान केवल सड़क और गली की सफाई तक सीमित है? फिर जो घोटालेबाज जो देश को दीमक की तरह चाट रहें हैं उसको सफाई कौन करेगा मोदी जी?
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