रेल मंत्रालय ने अनुकम्पा के आधार पर नौकरी में बड़ी राहत की खबर दी है. अब रेलवे में मृतक आश्रित कोटाओं (मृतक विधवाओं) को “मृतक आश्रित कोटाओं” में नौकरी के लिए शैक्षणिक योग्यता की जरुरत नहीं होगी. इसकी जानकारी खुद रेलमंत्री श्री पियूष गोयल ने ट्वीट कर दी है.
रेलवे में मृतक आश्रित कोटाओं में नौकरी
उन्होंने लिखा है कि, “रेलवे में मृतक आश्रितों की नियुक्ति के लिये शैक्षिक अनिवार्यता समाप्त की गई है, इससे ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को नौकरी पाने के लिये 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक नही होगा, तथा वह आश्रित कोटे से नौकरी पा सकेंगे.”
रेलवे बोर्ड ने हाल ही में कड़ा फैसला लेते हुए मृतक आश्रित कोटाओं में नौकरी के लिए शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता समाप्त कर दी है. जिससे रेलकर्मियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है. इस नए नियम का लाभ ग्रुप ‘डी’ में काम करने वाले कर्मचारियों के विधवाओं पर भी लागू होगा.
अभी तक के नियम के अनुसार रेलकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत के बाद उनकी विधवाओं को “मृतक आश्रित कोटाओं” से नौकरी के लिए कम से कम दसवीं पास होना अनिवार्य था. न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होने से काफी लोग इस लाभ से वंचित रह जाते थे.
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