भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2501
बुधवार, 08 अगस्त, 2018 श्रावण, 1940 (शक)
नियमित व् अस्थाई कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने कि कृपा करेंगे कि-
(क) क्या कानून के अनुसार नियमित और साथ ही अस्थाई श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी पहले से ही निर्धारित कर दी गई है.
(ख) क्या आंगनवाड़ी कामगारों, स्वास्थ्य कामगारों, सहायकों इत्यादि के लिए समान मजदूरी दी जाती है या उनके लिए अलग मजदूरी निर्धारित की गई है और;
(ग) यदि हां, तो अन्य मजदूरियां क्या है?
उत्तर
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
(श्री संतोष कुमार गंगवार)
(क): न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के उपबंधों के अंतर्गत, केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने सम्बंधित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत अनुसूधित नियोजन में नियोजित कामगारों की न्यूनतम मजदूरी को निर्धारित, समीक्षा व संसोधन के लिए समुचित सरकारें हैं. केंद्रीय क्षेत्र में तय दरें केंद्र सरकार, रेलवे प्रशासन, खान, तेल क्षेत्र, मुख्य पतन, अथवा केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किसी भी निगम के प्राधिकरण के अंतर्गत प्रतिष्ठानों पर लागु होती है. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत, तय की गई न्यूनतम मजदूरी नियमित कामगारों के साथ-साथ अस्थाई कामगारों पर भी लागू होती है.
(ख) और (ग): योजना कामगार जैसे आंगनवाड़ी कामगार, स्वास्थ्य कामगार आदि केंद्रीय क्षेत्र हेतु नियोजनों के अनुसूची में शामिल नहीं है. अतः न्यूनतम मजदूरी की दरें लागू नहीं है.
उपरोक्त बातों से एक बात तो स्पष्ट हो गया होगा कि कानून कुछ और है और मिलता कुछ और. मंत्री महोदय ने राज्य सभा में स्पष्ट रूप से कहा है कि “न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत, तय की गई न्यूनतम मजदूरी नियमित कामगारों के साथ-साथ अस्थाई कामगारों पर भी लागू होती है“. इसका सीधा मतलब है कि अभी केंद्र सरकार के Under स्थाई कर्मचारी का न्यूनतम मजदूरी 18,000 है तो कानून के अनुसार अस्थाई कर्मचारी को भी कम से कम 18,000 मासिक मिलाना चाहिए.
यह हम नहीं बल्कि खुद श्रम मंत्री ने अपने ऊपर के पार्लियामेंट प्रश्न में कहा है. मंत्री महोदय के जबाब से तो सीधा स्पष्ट होता है कि अस्थाई कर्मचारी को भी कम से कम कानून सांतवा वेतन के द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए.आपकी जानकारी के लिए दुबारा से बता दूं कि ठीक यही बात सुरजीत श्यामल बनाम भारत सरकार व् अन्य के ठेका वर्कर के लिए समान काम के समान वेतन के जनहित याचिका के बहस के दौरान माननीय दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कहा था.
Contract Worker भी रेगुलर कर्मचारी के समान न्यूनतम वेतन पाने के हकदार
अब सवाल यह है कि क्या आपको कानून के अनुसार तय मजदूरी मिल रहा है? आप कहेंगे कि नहीं. बिलकुल ही हम आपकी बातों से सहमत हैं. आज रेल के कैटरिंग से लेकर पूछताछ काउंटर पर मात्र 5 हजार मासिक वेतन में पढ़े-लिखे युवाओं से काम लिया जा रहा है. जबकि मंत्री महोदय का कहना कुछ और ही है.
जबकि हकीकत यह है कि खुद केंद्र सरकार के विभाग में बेरोजगारी के नाम पर शोषण का सिलसिला जारी है. रेल विभाग तो एक छोटा सा उदहारण मात्र हैं. इस तरह का शोषण लगभग हर छोटे-बड़े विभाग में हो रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि हमें जानकारी ही नहीं है कि हमें कितना सैलरी मिलना चाहिए.दोस्त, आपको शायद ही किसी न्यूज चैनल ने यह बताया होगा.
हमने आपके सवाल के बाद काफी खोजबीन के बाद इस जबाब को खोज पाएं हैं. आपसे अनुरोध करूंगा कि यह सच्चाई कम-से-कम हर अस्थाई यानी ठेका, केजुएल, डेली वेजर कर्मचारी तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें. इस संबंध में कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें. धन्यबाद.
Sir aap batate bahut acha hai lakin milta uska thik ulta jab minimum wages delhi ka cancal kar diya high court or aap jo case kiya tha agar usme high court faisla diya tha ki minimum wages us organisation ki minimum salary honi chiya to kiya ye lagu hua aap ko bata du nahi lagu hua to ye high court ki abmanana hua na sir to aap kiyo nahi court gya phir pkease coment kigiyaga
सीतेश जी, मेरे जनहित के आर्डर के मात्र १४ दिन बाद ही सेन्ट्रल गवर्नमंट ने पुरे देश के अपने अंडर ठेका वर्कर का न्यूनतम वेतन ४० फीसदी बढ़ा दिया था. जिसका लाभ पुरे देश के लगभग २०+ लाख वर्कर को मिला. यह बात और है की इसका खबर किसी अखबार या मिडिया में नहीं आया. जिसके कारण लोगो का पता नहीं चल पाया. ऐसे भी ठेका वर्कर का कोई भी न्यूज मिडिया इस लिए नहीं दिखाता क्योंकि सबसे ज्यादा ठेका वर्कर उनके यहां ही काम करते हैं. अपने हर आर्टिकल के माध्यम से मजदूरों वर्ग को उनकी अधिकार की जानकारी देने की कोशिश करता हूँ. मेरे मानना है कि लोगो को जब उनका अधिकार पता चलेगा तो खुद ही सरकार से छीन लेंगे. workervoice.in/2017/08/public-interest-iitigation.html
SIR YE RIVISED MINIMUM WAGES CENTRAL GOVERNMENT M BHI LAGU HUA H KYA?
सेंट्रल गवर्नमेंट का न्यूनतम वेतन 2017 में ही 40% वृद्धि की गई है. आप हमारे Circular के ऑप्शन में चेक कीजिए.
सेंट्रल गवर्नमेंट का न्यूनतम वेतन 2017 में ही 40% वृद्धि की गई है. आप हमारे Circular के ऑप्शन में चेक कीजिए.
सर मैंने आप से पूछा था कि ठेका कर्मचारी का टयुटी का समय स्थाई कर्मचारी के समान होता है कि नहीं।
सर कृपया मुझे बताएं
ICICI Bank me contract base par hu. Office boy ki job h. State Haryana. Minimum wage Kitna milna Chahiye.
बिलकुल होता है दोस्त. आपका इसके साथ एक चीफ लेबर कमिश्नर का सर्कुलर भी दे रहा हूँ. आप खुद ही पढ़िए – workervoice.in/2018/03/equal-pay-for-equal-work-kya-hai.html
आपको हरियाणा सरकार द्वारा जारी न्यूनतम वेतन से कम नहीं दिया जा सकता है. आप ऑफिस बॉय हैं तो आपको unskilled 8541.64 Monthly
का वेतन मिलना चाहिए. ऐसे यह दिसंबर तक का है. अभी २०१९ के सैलरी में बढ़ोतरी की जानकारी दी जायेगा. इसका सर्कुलर आपको हमारे इस पेज पर मिलेगा – workervoice.in/2018/09/Minimum-Wages-in-Haryana-Notification-July-2018.html
Dear Sir Mai last 11 saal se 1 hi company Mai kaam kr RHA tha pr jab Maine resign kr dia toh naa graduty milegi aisa bol rhe hai Maine jab kaam start kia tha Mai fresher tha 16-04-2008 se cash pay milta that October 2012 oske baad company ka emc contract igi airport terminal 3 Delhi Mai tha tbi wahan k rule k hisab se hr be of deduction ka bola company kisi hr k payroll or himko daal dia.jo ki 2017 Tak rhi oske baad woh chili gyi ab nyi company Adecco India Pvt LTD ko layi hai .par Maine is month ko apna notice period complete kr dia hai or company graduty k lie mna kr rhi hai aur 2008 se 2012 ka mere record nhi hai yeh bol kr mna kr rhi hai jab ho ist hr star jobs k naam we this osne mujko salary slip Mai 16-04-2008 ki joining dikha rhi hai.sir pls help and suggest me Mera fault yeh hai ki Mai sabse old worker hun baaki nhi
Sir, मैं Mohd.Saleem Mansoori उत्तर प्रदेश से, मैं नगर पालिका परिषद् इटावा में जनवरी 2011 से आउटसोर्स/ठेका प्रथा पर लिपिक के पद पर कार्य कर रहा हूं|2018 से लिपिक के कार्य के अलावा भी मुझसे फील्ड वाला भी वर्क कराया जाने लगा है जिसमें जनसुवाई/igrs, सम्पूर्ण समाधान दिवस जो तहसील दिवस भी बोलते हैं तथा ऑफलाइन शिकायती पत्र जो कार्यालय में क्षेत्र के लोगों द्वारा अपनी समस्याओं के निदान हेतु प्राप्त कराए जाते हैं l उपरोक्त तीनों प्रकरण में, मैं साइट पर जाकर लोगों से उनकी समस्याओं को सुनता हूं और ऑफिस आकर अपने उच्च अधिकारी महोदय को अवगत कराकर जांच आख्या तैयार कर जो भी नियमानुसार उचित कार्यवाही होनी होती है वह करके शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निस्तारण करता हूं l पिछले एक सप्ताह से मुझसे अधिकारी महोदय यह बोलकर जांच आख्या पर हस्ताक्षर करने से मना कर रहे हैं कि तुम्हें कोई अधिकार नहीं है जांच करके आख्या तैयार कर उस पर हस्ताक्षर करने का | Sir, मेरी हाज़िरी एक रजिस्टर में दर्ज़ की जाती है पहले रजिस्टर में हस्ताक्षर कराए जाते थे पर अब P लगाई जाती है, सैलरी बिलकुल नहीं कटती है जिस हिसाब से मैं 240 दिन से अधिक निरन्तर कार्य कर रहा हूं | विभाग द्वारा मुझे सैलरी के कुछ रुपए काटकर पीएफ खाते में डालकर 10,000 रुपए के करीब दिए जाते हैं l Sir, मैं चाहता हूं कि मेरे विभाग में ही एक Government employee लिपीक हैं जो अपने पिता की मृत्यु के उपरांत अनुकंपा के आधार पर लगे हैं जिनको डायरेक्ट लिपिक की पोस्ट दे दी गई है उनकी सैलरी 40,000 हज़ार के क़रीब है जो मुझसे काफ़ी जूनियर हैं बस उनमें और मुझमें सरकारी नौकरी और ठेका प्रथा की नौकरी का फ़र्क है मुझसे काम क्या लिया जाता है यह में उपर बता चुका हूं l Sir, मैं यह चाहता हूं कि मेरी भी सैलरी उसी लिपिक के बराबर हो जाए जो सरकारी जरुर है पर मुझसे जूनियर है l
आप इसके लिए अपने एरिया के ड्युप्टी लेबर कमिश्रर के पास शिकायत लगा सकते हैं.