आप शायद हमारे इस “Central Government के Contract Worker का दिल्ली से भी ज्यादा सैलरी है इन शहरों में” टाइटल को पढ़कर चौंक गए होंगे. जी हां, हम बिलकुल इसी टॉपिक की जानकारी शेयर करने जा रहे हैं. यह बिलकुल 100 फीसदी सही हैं. कुछ लोग कहेंगे कि यह झूठ हैं. मगर इसको पुरे सबूत के साथ प्रूफ ही नहीं करेंगे बल्कि सरकारी कागज भी देंगे. जिससे की अगर आपको यह वेतन नहीं मिल रहा तो आप मांग ही नहीं कर सकते बल्कि 10 गुना हर्जाना भी मांग सकते हैं.
Central Government के Contract Worker सैलरी?
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर यह जानकारी इतनी ही सच्ची है तो केंद्र सरकार क्यों नहीं बता रही? अगर ऐसा होता तो सरकार ढिंढोरा पीटती और कहती कि हमारी सरकार ने देखो दिल्ली सरकार से ज्यादा वेतन पुरे देश के अलग-अलग शहर में दे रही है. मगर शायद ही आपलोगों ने ऐसा कुछ सुना होगा. यह तो आप भली भांति जानते हैं कि पिछले 2 साल से दिल्ली सरकार मीडिया और अन्य माध्यमों से पुरे देश में डंका पीट रही है कि हमने दिल्ली के मजदूरों का 37 फीसदी न्यूनतम वेतन वृद्धि कर दी है. इसके बारे में भी हम बाद में बतायेंगे कि दिल्ली का न्यूनतम वेतन कैसे बढ़ा. मगर पहले केंद्र सरकार कि चुप्पी कि वजह जान लेते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिनांक 11 मई 2017 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुरे देश के Central Government व् विभाग में कार्यरत ठेका वर्कर के लिए समान काम के लिए समान वेतन की मांग का जनहित याचिका संख्या WP(C)- 2175/2014 सुरजीत श्यामल बनाम भारत सरकार की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि सभी Contract Worker के लिए कम से कम Minimum Wages का प्रावधान है.
जिसपर माननीय कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आज के मंहगाई में Minimum Wages के 10 से 13 हजार में किसी परिवार का गुजरा कैसे हो सकता है. आज पुरे देश में निजीकरण का दौर में ठेका वर्कर रेगुलर वर्कर के बराबर काम नहीं बल्कि रेगुलर वर्कर का ही काम कर रहे है. इतने काम सैलरी में वर्करों से काम करवाना गुलामी करवाने जैसा ही है.
सरकारी संस्थानों में रेगुलर वर्कर के समान काम कर रहे आउटसोर्स वर्कर
हालांकि, याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि कोर्ट देश के विभिन्न सरकारी संस्थानों में रेगुलर वर्कर के समान काम कर रहे ठेका/आउटसोर्स वर्कर के लिए समान काम का समान वेतन को लागु करवाने के लिए भारत सरकार को गाइडलाइन बनाने का निर्देश दें. मगर माननीय कोर्ट ने इंकार करते हुए कहा कि इतने व्यापक पैमाने पर भारत सरकार के ऊपर “समान काम का समान वेतन” को लागु करने के लिए दबाब नहीं बनाया जा सकता है. – जनहित याचिका: मांगा समान काम का समान वेतन, मिला नया न्यूनतम वेतन
इस तुलना को देखने से यह तो साबित हो गया कि Central Government के A एरिया का न्यूनतम वेतन दिल्ली सरकार के न्यूनतम वेतन से 508-726 रुपया मासिक अधिक हैं. अब हमें यह जानने है कि Central Government के A कैटेगरी में कौन-कौन सा शहर आयेगा. किन-किन जगहों पर दिल्ली से ज्यादा न्यूनतम वेतन हैं.
अब जैसा कि हमने अपने टाइटल में बताया है कि Central Government के Contract Worker का दिल्ली से भी ज्यादा सैलरी है इन शहरों में ” तो यह साबित करना का समय है. हमने पहले ही बताया है कि इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को हैं. अब जानकारी होगी तभी तो मांग करेंगे. अब पहले हम यह जानते हैं कि वो कौन-कौन से शहर हैं. जो कि A कैटेगरी में आते हैं.
11362, Skilled/Clerk – 13702, Highly Skilled- 16042 मासिक सैलरी से कम नहीं होगा.
कौन कौन सा डिपार्टमेंट्स सेंट्रल गवर्नमेंट के अंडर आता है?
अब आखरी सवाल यह भी आयेगा कि पुरे देश में कौन कौन सा डिपार्टमेंट्स Central Government यानी भारत सरकार के अंडर आता है. इसके लिए हम मोटे तौर पर जान लें कि भारत सरकार के सभी मंत्रालय के अंतर्गत जितने भी विभाग, पीएसयू है जैसे कि रेलवे, आईआरसीटीसी, कोंकर, क्रिश, एयरपोर्ट, पोस्ट ऑफिस, सीबीएससी, पॉवरग्रीड, कोल् माइंस, आर्मी, एनटीपीसी, सेल, BSNL, इत्यादि. इन सभी विभाग में ठेकेदार के द्वारा न्युक्त Contract Worker/ Outsource Worker को भी उपरोक्त दर से कम भुगतान नहीं किया जा सकता हैं. इसके आलावा आपको अपने विभाग के बारे में नहीं पता कि वो किसके अंडर आते हैं तो नीचे कमेंट्स बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं.
हमें उपरोक्त दर से वेतन नहीं मिल रहा तो
Regional Labour Commissioner (C)l Office Address
Central Government Minimum Wages Circulars Click Here
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- Minimum Wages 26000 मासिक के लिए Delhi Govt. के Proposal पर Suggestion भेजिए
- Company टाइम पर Salary नहीं दे तो, भूल कर भी यह काम न करें – WorkerVoice.in
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यह मेरा सौभाग्य है कि आप जैसे सकारात्मक लोगों तक हमारी जानकारी पहुंच रही है. आज कर्मचारी के लिए बहुत सारे अधिकार केवल पेपर पर बने हुए हैं. जिसकी जानकारी बहुत काम लोगों को हैं. जिसके बाद अब धीरे- धीरे बहुत से क़ानूनी अधिकार को समाप्त किया जा रहा है. खैर हम उनको बचाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं. आप जैसे पढ़े-लिखे लोगो का साथ मिलेगा तो इसपर काम करने में और अच्छा अनुभव करूंगा. हमारे वर्कर से सम्बंधित बहुत सारे आर्टिकल आपको इस पेज पर मिलेगा. आते रहिएगा. workervoice.in/p/employee-help-desk.html
सर मे lic Agra मे डेलीबेजर काम करता हू हमे 26 दिन का भुगतान होताहै सन्डे काट लेते है ऐसा
न्यूनतम वेतन के अंतर्गत यही प्रावधान हैं और यह 26 नहीं 30 दिन का सैलरी होता हैं मगर एक दिन का निकलना हो तो 26 से भाग दिया जाता है. इसके आलावा अगर आप एक दिन भी अनुपस्थित रहेंगे तो आपका सैलरी उसी के अनुसार काट लिया जायेगा.
Sir Delhi development authority central government m aata h ya state government
Delhi development authority, name se hi pta chalta hai…Delhi govt me hai.
I m working in ministry of Culture govt of India as a MTS kindly brief me about it.
Stenographer/DEO comes under higher skill or skill/clerical staff plz clarify….??? Department
I am working delhi transport corporation in Delhi driver post
sir me post office me post men outsider Delhi me hu hamari salary day ke hisab se milti h agr manth 2 sarkaari chhuti or 4 sundar h to 657*24=15768 rs milte hai pls ek vidio banae
आपको उपरोक्त दर से नहीं मिलता है तो RLC(C) ऑफिस में शिकायत करें।
Sir me Rajasthan se hu. Esi dispensary me ministry post pr work krta hu. Outsource employee ke roop me. Mujhe contractor Rajasthan govt ke minimum wages se pay krta h. Sir plz btaye mujhe Rajasthan govt kisi rate milna chaiye ya Central govt se?
आपको सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा जारी सेन्ट्रल स्फीयर का न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए। अगर आपको नहीं दे रहें तो आप अपने एरिया के रीजिनल लेबर कमिश्नर सेंट्रल के पास शिकायत करवा सकते हैं.