केंद्र सरकार की मोदी सरकार ने (EPFO) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ब्याज (PF interest rate in India) दर बढ़ा दी है. जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 के बाद पहली बार यह बढ़ोतरी हैं. आज इसके बारे में विस्तार से जानेंगे.
EPFO ने ब्याज दर बढ़ाया, जानिए 2019 में कितना होगा
पहले हम यह जान ले कि विभिन्न समाचार पत्रों में इस EPFO बढ़ोतरी के बारे में क्या कहा है. हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा, EPFO ने 6 करोड़ लोगों को दिया तोहफा, जानें कितनी बढ़ाई ब्याज दर”. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा, “EPFO 2018-19 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर बढ़ाया गया. दूसरी तरफ नवभारत टाइम्स ने लिखा, “प्रोविडेंट फंड पर ब्याज दर बढ़कर 8.65% हुई”.
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इसके बारे में श्रम मंत्री श्री संतोष गंगवार ने जानकारी दी. उन्होंने कि EPFO का ब्याज दर बढ़ाने का फैसला सर्वसम्मति से हुआ. मंत्रालय ने EPFO बोर्ड की सिफारिश के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 में ब्याज दर 8.65 तय किया है. जबकि इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2018 में यह 8.55 फीसदी पर थी.
मिडिया खबर के अनुसार बोर्ड की बैठक में कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर भी चर्चा की गई, लेकिन इस पर निर्णय अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है. श्रम मंत्रालय के अधीन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ईपीएफओ का शीर्ष नीति निर्माण संस्था है. यही हर साल के लिए पीएफ पर जमा ब्याज दर का फैसला करता है.
PF interest rate in India
प्रस्ताव को लागु करने के लिए वित्त मंत्रालय की औपचारिक मंजूरी भी लेनी पड़ती है. मंजूरी मिलते ही नई ब्याज दर लागू हो जाएंगी. ईपीएफओ की वर्ष 2017-18 में 8.55 फीसदी की ब्याज दर पांच साल में सबसे कम थी. जबकि वर्ष 2016-17 में ब्याज दर 8.65 फीसदी और 2013-14 और 2014-15 में यह 8.75 फीसदी पर रही थी, वर्ष 2015-16 में यह 8.8 के उच्चतम स्तर पर थी. इसके लिए हम उपरोक्त डाटा की मदद से समझ सकते हैं.
अगर सही तरीके से देखे तो यह EPFO ब्याज दर बढ़ोतरी -उढोतरी बस एक छलावा है. अगर आप उपरोक्त ग्राफ को देखेंगे तो स्पष्ट हो जायेगा. यह मिडिया द्वारा बताया गया बढ़ोतरी और सरकारी तोफा 2015-16 के ब्याज दर से भी कम है.
EPFO ने ब्याज दर बढ़ाया, जानिए 2019 में कितना पीएफ ब्याज दर होगा?
उसके बाद जिस तरह से ब्याज दर घटाया गया, अगर इस वर्ष चुनाव नहीं होता तो फिर से EPFO ब्याज दर शायद ही बढ़ाया जाता. इसके आलावा आप खुद समझदार हैं. आप इससे कितना खुद हैं, कृपया कमेंट करके जरूर बताइयेगा.
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बिलकुल आप आईडी एक्ट के तहत लेबर कोर्ट जा सकते हैं. मगर इसके लिए आपको अपने मैटर को लेबर कमिश्नर ऑफिस से रेफर करवाना होता हैं. वहां समझौता अधिकारी के सामने बात अगर नहीं बनी तो वह खुद ही रेफर कर देगा.