केंद्र सरकार ने बजट 2019-20 में नौकरीपेशा लोगों को राहत देने की बात की है. आपमें से बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि Budget 2019 – इसमें Private और Contract Employee को क्या मिला? आज हम इसमें बारे में पॉइंट बाई पॉइंट जानेंगे.
मोदी सरकार ने आम चुनाव से पहले अपने आखरी बजट प्रस्तावों में किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिये कई बड़ी घोषणायें की हैं. आज हम जानेगे कि इन घोषणाओं में Private व् Contract Employee को क्या क्या मिला या मिलेगा.
Budget 2019 – इसमें Private और Contract Employee को क्या मिला?
पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त-
खबर एनडीटीवी के अनुसार पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके को पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया. इसके बारे में कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी.
किसानों को सालाना 6 हजार रूपये सहायता राशि –
सालाना 6 हजार रुपये मतलब 500 रुपया महीना, इतने कम पैसे में खाद की एक बोरी भी न मिले. जबकि जानकारी के अनुसार पुरे देश में भूमिहीन किसानों की संख्या ज्यादा है. जो कि दूसरे खेत वाले किसान की जमीन बटाईदारी पर जोतते हैं. इसके साथी ही खेतिहर मजूदर जो कि खेतो में काम करते हैं उनको इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा.
21000 प्रति माह कमाने वाले श्रमिकों को 7000 रुपये बोनस-
सरकार एक द्वारा 21 हजार प्रतिमाह वेतन वाले श्रमिको के लिए कम से कम 7000 बोनस देने की बात कही गई हैं. इसमें जो वर्कर बोनस एक्ट के अंडर आयेंगे, उन्ही को लाभ मिलेगा.
इसमें कंफ्यूज होने की कोई जरुरत नहीं हैं. काफी लोग पूछ रहे थे कि क्या कम से कम वेतन 21000 कर दिया गई है. इसके लिए हमारा जवाब होगा कि बोनस के लिए सिलिंग लिमिट बढ़ाया गया है. इसका मतलब है कि अब जिन श्रमिको का वेतन 21000 तक होगा उनको कम से कम 7000 बोनस देय होगा. जबकि हमने लेबर मिनिस्ट्री के वेबसाइट पर चेक किया तो यह लिमिट 2015 का बताया जा रहा है.
आपमें से जयादातर कर्मचारी साथी किसी प्राइवेट कम्पनी, फैक्ट्री या फिर सरकारी विभाग में ठेका/आउटसोर्स या डेली वेजर के रूप में काम करते हैं. सवाल यह है कि आपमें से कितने लोगों को बोनस मिलता है. कुछ लोगों को तो सरकारी विभाग में Consolidate Payment के नाम पर अन्य सभी सुविधायें गोल कर दी जाती है.
ग्रैच्युटी – 10 से बढ़ाकर 30 लाख-
इसके बारे में अलग-अलग न्यूज वालों ने अलग-अलग आकंड़ा दिया है. जिसमे आजतक के अनुसार ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की गई, जबकि एनडीटीवी ने ग्रैच्युटी – 10 से बढ़ाकर 20 लाख बताया है. जबकि हमारी जानकारी के अनुसार Labour Ministry के नये Rules के अनुसार संगठित क्षेत्र के कर्मचारी 1 जनवरी 2016 से 20 लाख रुपए तक के कर मुक्त Gratuity के लिए पात्र होंगे. इससे पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी. जिसके बारे में बताया जा रहा है कि इसकी सीमा बढ़ा दी है.
अगर हम ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार किसी भी Employee जो 10 से अधिक Employee वाले स्थान पर काम करता है, को Gratuity Act के तहत कवर किया जाता है. अगर एक Employee एक ही Employer के साथ 5 वर्ष की पूर्णकालिक Service पूरा कर लेता है तो वह Gratuity का हक़दार हो जाता है. इसका लाभ हर हाल में सरकारी कर्मचारी को ही मिलना तय है. अब सरकार ने फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट को क़ानूनी बना दिया है.
आजकल सरकारी या गैर सरकारी कंपनी में Contract पर Employees रखे जाते हैं मगर हर साल, दो साल पर Principle Employer द्वारा Contractor बदल दिया जाता है. ऐसा करके वो Employee के Gratuity के पैसे हड़प जाते हैं. वो Employees के सेवा 5 वर्ष पूरा ही नहीं होने देते हैं.
Budget 2019 – इसमें Private और Contract Employee को क्या मिला?
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना-
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना तहत देश भर में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर और इसी प्रकार के अनेक अन्य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर कवर करेगी. इस स्कीम के तहत कोई भी अंसगठित क्षेत्र से जुड़ा हुआ कामगर जिसकी उम्र 40 वर्ष से कम हो और किसी भी सरकारी स्कीम का फायदा न ले रहा हो, वह इसका फायदा उठा सकता है. इस स्कीम में आवेदन करने वाले व्यक्ति की मासिक आय 15 हजार रुपए से कम होनी चाहिए.
यदि कोई 18 साल की उम्र से इस स्कीम को शुरू करता है तो उसे हर माह 55 रुपए जमा करना होंगे और 29 वर्ष वाले को 100 रुपया तो 40 साल की उम्र में इस स्कीम को शुरू करेगा उसे हर माह 200 रुपए जमा करना होंगे. जिसके बाद 60 साल की उम्र पूरा होने के बाद आपको 3000 रुपया पेंशन मिलना शुरू होगा.
इस पेंशन स्किम में आपको 42 वर्ष लगातार कंट्रीब्यूशन जमा करने के बाद मात्र 3000 रुपया पेंशन मिलेगा. अब यह सोचिये कि पिछले 30 वर्ष के मंहगाई की तुलना अगर करें तो अगले 30 वर्ष में 3000 रुपया में एक परिवार भरपेट भोजन भी नहीं कर पायेगा.
इतना ही नहीं बल्कि जनसत्ता ने टेलीग्राफ के खबर का हवाला देते हुआ कहा है कि अगर पेंशन ग्राहक पति-पत्नी की अगर मृत्यु हो जाती है तो उनका पेंशन फंड परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं मिलेगा, बल्कि सरकार के खाते में वापस चला जायेगा.
देश के लाखों ठेकाकर्मी आस लगाए हुए थी कि शायद सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्टूबर 2016 के फैसला को अभी से भी सज्ञान में लेकर कोई घोषणा करे. मगर लोगो को निराशा ही मिली है. ऐसे भी दो महीने के बाद चुनाव होना है. चुनाव के बाद जिस भी पार्टी की सरकार बनेगी हर हार में उनको ही इन सभी घोषणाओं को पूरा करना है. या यह भी हो सकता है कि वो अपना नया बजट पेश करें . खैर आप लोग नीचे कमेंट में लिखकर जरूर बताइयेगा कि आपको यह बजट कैसे लगा.
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