सेफ्टिक टैंक की सफाई के दौरान सफाईकर्मियों की मौत
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के खबर के अनुसार यह जिस जगह की घटना हैं, वहां के मालिक ने एक ठेकेदार के जरिये इन सफाईकर्मियों को सेप्टिक टैंक साफ करने के लिए बुलाया था. दोपहर तीन बजे के आसपास खबर आई कि उनमें से दो सफाईकर्मी टैंक में बेहोश हो गए हैं. उन्हें बचाने के लिए ठेकेदार ने उनके साथियों को बुलाया. उनमें से तीन और सफाईकर्मी बेहोश होकर गिर पड़े. उन्हें संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले ही गणेश साहा और दीपक नाम के दो सफाईकर्मियों ने दम तोड़ दिया.
इस खबर के मुताबिक शुरुआती जांच में हमेशा की तरह यह बात सामने आई है कि सफाईकर्मियों को बिना सुरक्षा उपकरणों के टैंक में उतारा गया था. वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दाबा किया है कि सफाईकर्मियों ने पहले टैंक की सफाई करने से इनकार कर दिया था.
उनका कहना था कि वे इस काम के लिए प्रशिक्षित नहीं है. लेकिन ठेकेदार रामबीर और जगह के मालिक गुलाम मुस्तफा ने जबर्दस्ती उन्हें ऐसा करने पर मजबूर किया. जिसके बाद यह हादसा हुआ.
यह घटना केजरीवाल साहब के उन दाबों की पोल खोल रही हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि “अब सफाई करने के दौरान सफाई कर्मियों की जान को खतरा नहीं रहेगा”. अमर उजाला के खबर के अनुसार इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीवर और नालों की सफाई के लिए उपयुक्त मशीन कर्मियों को सौंपते हुए कहा कि अब उनकी जान को जोखिम में नहीं डालना होगा. इतना ही नहीं उन्होंने अंबेडकर स्टेडियम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर का सपना साकार होने जा रहा है. आगे यह तक कहा कि आज का दिन देश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा, जिसे सदियों तक याद किया जाएगा.
मगर उसके ठीक एक महीने बाद ही इस तरह की घटना यह साबित करती हैं कि केजरीवाल सरकार के हाथी के तरह कहीं दो दांत तो नहीं, खाने के और और दिखाने के और..
सर् हम लोग दिल्ली के ही एक techsol नाम के एक कंपनी में काम करते है सभी 400 के आस पास हमारी संख्या है और सभी अलग अलग साइटों पर रहते है ओर technicin के लिए रख गया है और मैं इस कंपनी से सितंबर 2016 से जुड़ा हुआ हूं और हमे आज तक कोई विशेष छुट्टी का लाभ प्राप्त नही है केवल साप्ताहिक अवकाश के सिवा क्या हमें cl el का लाभ नही मिलता
बिलकुल मिलेगा. इसके लिए हमारे इस पोस्ट को पढ़िए workervoice.in/2018/08/leave-policy-in-india.html