भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद और हथियार बनाने वाली देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के करीब 83,000 कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए. दरअसल, केंद्र ने हाल ही में इन फैक्ट्रियों के निगमीकरण का प्रस्ताव पास किया है. कर्मचारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही एमसीएफ बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली ने 1 दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल करके अपना विरोध जताया.
रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली में निगमीकरण के विरोध में भूख हड़ताल
दैनिक भाष्कर के अनुसार भारत सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत रक्षा मंत्रालय ने 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और रेल मंत्रालय ने सात उत्पादन इकाईयो कें निगमीकरण का आदेश जारी किया है. जिसके विरोध में 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी 20 अगस्त दिन मंगलवार से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.
जिसके बाद आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली के कर्मचारी 1 दिन की भूख हड़ताल करके ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की हड़ताल का सांकेतिक तौर पर समर्थन कर रहे हैं.
एमसीएम बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड ऋतुराज शुक्ला ने बताया कि युद्ध के समय ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों ने लगातार 24 घंटे काम करके सेना को गुणवत्ता पूर्ण हथियार उपलब्ध कराए हैं. इनका निजीकरण करना पूर्णता गलत है.
हम सरकार के गलत फैसले के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे हैं. संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन नैब सिंह ने कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और रेल कोच फैक्ट्री सभी लाभ में चल रही है. इनका निजीकरण और निगमीकरण करण करने से कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा.
हरकेश जी ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और उत्पादन इकाइयों के निजीकरण के आदेश के विरोध में कर्मचारी 2 माह से आंदोलनरत है. संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुशील गुप्ता ने बताया कि जब तक यह निजीकरण और निगमीकरण का आदेश वापस नहीं लिया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
संघर्ष समिति के सह सचिव सुभाष कुमार मीना के अनुसार सरकार के तानाशाही आदेश के विरोध में कर्मचारी और उनके परिवार में भारी आक्रोश है. जिसका असर उनके काम और सेहत पर पड़ रहा है.इस भूख हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने पूर्व सदर विधायक स्वर्गीय अखिलेश सिंह के निधन पर गहरा शोक जताते हुए शोक सभा की और बताया कि पूर्व विधायक महोदय ने एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन को खुलकर समर्थन दिया था.
संघर्ष समिति के सह सचिव सुभाष कुमार मीना के अनुसार सरकार के तानाशाही आदेश के विरोध में कर्मचारी और उनके परिवार में भारी आक्रोश है. जिसका असर उनके काम और सेहत पर पड़ रहा है.इस भूख हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने पूर्व सदर विधायक स्वर्गीय अखिलेश सिंह के निधन पर गहरा शोक जताते हुए शोक सभा की और बताया कि पूर्व विधायक महोदय ने एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन को खुलकर समर्थन दिया था.
इस आंदोलन में शामिल आंदोलनकारी श्री रोहित रंजन ने बताया कि सभा को अटेवा सयोजक प्रकाश चंद यादव और ऐकटु के अफरोज आलम ने भी संबोधित किया. भूख हड़ताल में सुरेश यादव, मनोज ओझा, मुनेश कुमार, सुमन मिश्रा, धनंजय रामबरन, देवनाथ निर्मल, विनोद यादव, सुनील, रोहित मिश्रा, संतोष पंकज सिंह समेत सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों ने भाग लिया.
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