देश में सभी लोगों को एक समान वेतन देने का रास्ता साफ़ हो गया हैं. इस तरह का एक अखबार का कटिंग वायरल हो रहा हैं. जिसके बाद फिर से लोगों में इसको लेकर काफी उत्सुकता गई हैं. आज इसको बारे में डिटेल में बताने जा रहें हैं. इसके साथ यह भी बतायेंगे कि “Wage Code Bill 2019 लागू होते पुरे देश के Private Employee कब और कितना सैलरी मिलेगा”.
सभी लोगों को एक समान वेतन देने का रास्ता साफ़
उस अखबार के कटिंग में लिखा हैं कि “देश में सभी लोगों को एक समान वेतन देने का रास्ता साफ़ हो गया हैं. केंद्र सरकार ने वेतन संहिता 2019 को अधिसूचित कर दिया हैं. इसके राष्ट्रीय स्तर पर लागू होने के बाद देश के करीब 50 करोड़ लोगों को फायदा होगा. श्रम कानूनों में सुधार के उद्देश्य से लाई गई वेतन संहिता 2019 को लोकसभा ने 30 जुलाई और राज्य सभा ने 2 अगस्त को पारित कर दिया था.
इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था. राष्ट्रपति ने इसे 8 अगस्त 2019 को अपनी मंजूरी दे दी थी. न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन देने पर नियोक्ताओं को जुर्माना भरना पड़ेगा. मासिक वेतन अगले महीने 7 तारीख तक मिलेगा, साप्ताहिक श्रमिकों को हप्ते के आखिरी दिन और दैनिक मजदूरों को उसी दिन परिश्रिमिक देना होगा”.
अब जैसे कि बताया कि पेपर की कटिंग में एक शब्द गायब हैं और वह शब्द हैं न्यूनतम वेतन. आप खुद ही देख लीजिये. असल में अगर इस शब्द को जोड़कर खबर को पढ़ेंगे तो हमारा सारा भरम दूर हो जायेगा. देश में सभी लोगों को एक समान न्यूनतम वेतन देने का रास्ता साफ़ हो गया हैं.
असल में एक समान वेतन सुनकर सभी तो थोड़ा Excitement इसलिए हो जाता हैं क्योकि इस वेज कोड के बारे में मिडिया और शोशल मिडिया में एक खबर वायरल हुई थी कि अब प्राइवेट कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 24 हजार हो जायेगा. हालाँकि, इसकी सच्चाई हम पहले बता चुकें हैं.
अगर आप उसको पूरा पढ़ेंगे या हमारे यूट्यूब पर देखेंगे तभी Concept ही क्लियर नहीं होगा बल्कि आगे से गुमराह भी नहीं हो पायेंगे. अगर आपने अभी तक नहीं पढ़े तो पढ़िए – प्राईवेट कर्मचारियों की सैलरी 24 हजार महीना से कम नहीं : मोदी सरकार
अब आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर वेज कोड बिल के बाद पुरे देश में एक समान वेतन 24 हजार या जो भी होगा कितना लागू होगा और यह कब से होगा.
भारत सरकार के श्रम व् रोजगार मंत्रालय ने 17 जनवरी 2017 को एक विशेषज्ञ समिति (Expert Committee) का गठन किया था. जिसने राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन (एनएमडब्ल्यू) के निर्धारण की कार्यप्रणाली की समीक्षा और सिफारिश की थी.
विशेषज्ञ समिति ने 14-02-2019 को सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार को “न्यूनतम राष्ट्रीय वेतन के निर्धारण के लिए कार्यप्रणाली का निर्धारण” पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है. जिस रिपोर्ट में पुरे देश का सर्वे करने के बाद फ्लोर वेज मिनिमम वेजेज की सिफारिश की गई थी. जो कि स्टेटवाइज इस प्रकार से हैं-
National Minimum Wages – Wage Code Bill 2019
Region I
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Region II
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Region III
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Region IV
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Region V
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Assam, Bihar,
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Andhra
Pradesh, |
Gujarat,
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Delhi, Goa,
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Arunachal Pradesh,
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Jharkhand, Madhya
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Telangana,
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Karnataka, Kerala,
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Haryana,
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Manipur,
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Pradesh, Odisha,
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Chhattisgarh,
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Maharashtra, and
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Himachal
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Meghalaya,
|
Uttar Pradesh, and
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Rajasthan, Jammu
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Tamil Nadu
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Pradesh, and
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Nagaland, Sikkim,
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West Bengal
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& Kashmir, and
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Punjab
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Mizoram and
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Uttarakhand
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Tripura
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INR 342 per day
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INR 380 per day
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INR 414 per day
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INR 447 per day
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INR 386 per day
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(INR 8,892 per month)
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(INR 9880 per month)
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(INR 10,764 per month)
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(INR11,622 per month)
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(INR 10, 036 per month)
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यह एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश थी, जिसके बारे में एक और खबर पढ़ने को मिली कि सरकार ने इसको भी नकार दिया. अगर उपरोक्त दर तय किया जाता तो कई राज्यों में अभी श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी जो कि अभी 173 है, जो कि बढ़कर 375 रुपया रोज और 9750 रुपया मासिक यानी की डबल हो सकती थी. मगर लाइव मिंट के खबर के अनुसार मोदी सरकार ने नेशनल न्यूनतम वेतन में 2 रुपये की बढ़ोतरी कर 178 रुपया तय की हैं.
अगर सच में नेशनल मजदूरी के रूप में प्रति दिन के हिसाब से 178 रुपया को मंजूरी मिलती हैं तो Region wise कुछ इस तरह से न्यूनतम वेतन निर्धारित होगा.
Region I
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Region II
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Region III
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Region IV
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Region V
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342
|
380
|
414
|
447
|
386
|
178
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ऐसे विभिन्न मीडिया सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार वेज कोड बिल 2019 को महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने 8 अगस्त 2019 को अपनी मंजूरी दे दी हैं.
Wage Code Bill 2019 लागू, पुरे देश के Private Employee कब कितना सैलरी मिलेगा?
इसका मतलब यह हुआ कि यह कानून लागू हो चूका हैं. इसके बाद आपके मन में यह जरूर होगा कि हमें इसका लाभ कबसे मिलेगा. इसके लिए बता दूँ कि सभी सरकार एक त्रिपक्षीय कमेटी का गठन करेगी. जो कि उपरोक्त एक्सपर्ट कमेटी पर बहस कर एक फ्लोरवाइज न्यूनतम वेतन निर्धारित करेगी.
जो कि या तो 345 रुपया प्रतिदिन हो या 178 रुपया भी हो सकती हैं. इसको तय करने के बाद एक जोनेइसे न्यूनतम वेतन का एक नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा. इसके बाद कोई भी राज्य सरकार केंद्र सरकार के द्वारा तय न्यूनतम वेतन से कम न्यूनतम वेतन निर्धारित नहीं कर सकती हैं. ऐसे ज्यादा करने का अधिकार उनके ऊपर निर्भर करेगा. इसके बाद आपकी सैलरी भले ही बढे या न बढे मगर मालिकों को 4 जटिल श्रम कानूनों से आजादी जरूर मिल गई हैं.
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