Central Government Causal Labour को मिलेगा?
इसके बाद डेली हंट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस आदेश के अनुसार कि सभी अनियमित कर्मचारियों को 8 घंटे काम करने पर उसी पद पर काम करने वाले नियमित कर्मचारियों के वेतनमान के न्यूनतम मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर ही भुगतान होगा”.
पारा- 2, “जहां आकस्मिक कर्मचारियों और नियमित कर्मचारियों को सौंपे गए कार्य की प्रकृति समान है, आकस्मिक श्रमिकों को न्यूनतम वेतनमान के 1/30 वें वेतन की दर से प्रतिदिन का भुगतान किया जा सकता है और 8 घंटे के काम के लिए संबंधित वेतनमान और महंगाई भत्ते का न्यूनतम भुगतान किया जाएगा”.इसका सीधा मतलब हैं कि जहां Casual Worker और परमानेंट वर्कर के काम की प्रकृति समान होगी वहां Casual Worker को समान वेतन नहीं बल्कि ग्रेड पेय (मंहगाई भत्ते के साथ) न्यूनतम वेतन दिया जायेगा. इससे स्पष्ट हो जाता हैं कि यह समान काम का न्यूनतम वेतन हैं, हाँ मगर न्यूनतम वेतन परमानेंट वर्कर का दिया जायेगा.
अब पारा-3 को पढ़ेंगे तो, “ऐसे मामलों में जहां एक आकस्मिक कर्मचारी द्वारा किया गया कार्य नियमित कर्मचारी द्वारा किए गए कार्य से भिन्न होता है, आकस्मिक श्रमिक को केवल श्रम और रोजगार मंत्रालय या राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अनुसार जो भी हो उच्चतर हो उसका भुगतान किया जा सकता है.”
जो कि पहले से दिया जाता हैं. अभी Central Government के Causal Labour को Center Sphare का न्यूनतम वेतन मिलता हैं. अगर आप पुरे देश एक सेंट्रल गवर्नमेंट के अंतर्गत ठेका/आउटसोर्स/Casual /डेली वेजर वर्कर के रूप में काम करते हैं तो आपको इस दर से मिलता हैं – Central Government Minimum Wages 01 April 2019 से कितना वृद्धि किया
चौथे-4 में लिखा है कि “दैनिक वेतन (आकस्मिक श्रमिकों) पर व्यक्तियों को नियमित प्रकृति के काम के लिए भर्ती नहीं किया जाना चाहिए.” अब आप ही सोचिए एक तरह ऊपर पारा 2 में कहते हैं कि Casual Workers और परमानेंट वर्कर के काम की प्रकृति समान होगी तभी परमानेंट वर्कर का न्यूनतम वेतन मिलेगा और दूसरी तरह पारा- 4 में कहते हैं कि दोनों के काम का प्रकृति समान नहीं होना चाहिए.
आप समझा चुकें होंगे कि एक ही सर्कुलर में एक पारा दूसरे पारा का विरोध कर रहा हैं और यह समान काम का (पेय ग्रेड का) न्यूनतम वेतन से सम्बंधित हैं, जो कि पूर्व से नियम हैं. ऐसे इन्होने इसको इस सर्कुलर में भी स्वीकारा हैं.
Central Government के Causal Labour को मिलेगा परमानेंट वर्कर के समान सैलरी
आप यह भूल रहे हैं कि अभी कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होना हैं. ऐसे में अगर सरकार लागू कर देती तो हमें भी खुश होती. मगर आज से दो दिन पहले ही एक जानकारी शेयर की थी कि “मोदी सरकार ने 375 रुपया की सिफारिश ठुकराई, अब कितना होगा न्यूनतम वेतन“. आखिर इतना जल्दी हम कैसे गुमराह हो जाते हैं. खैर हमने जाने-अनजाने में मुफ्त में सरकार का चुनाव प्रचार कर दिया हैं.
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