सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला, NGO भी आरटीआई के दायरे में?

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ के बारे में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया हैं. जिसके बाद अब एनजीओ भी आरटीआई के दायरे (NGO under rti act) में आ जायेगा. इसके क्या टर्म एंड कंडीशन होंगे और किस तरह के एनजीओ पर इस फैसले का प्रभाव पड़ेगा. इसके साथ ही यह फैसला किसी एनजीओ में काम करने वाले कर्मचारियों पर किस तरह से लाभकारी होगा. इस सभी बातों की जानकारी इस पोस्ट में देने जा रहे हैं.
देश के सर्वोच्चय न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा कि ऐसे गैर सरकारी संगठन NGO भी RTI Act के दायरे में आयेंगे जिन्हें सरकार से भारी आर्थिक मदद मिलती है. जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने यह व्यवस्था देते हुए कहा कि ये एनजीओ RTI Act, 2005 की धारा 2 एच के तहत सार्वजनिक प्राधिकार माने जायेंगे और सूचना देने के लिए बाध्य होंगे.

NGO और वे आरटीआई एक्ट के दायरे में नहीं आते?

माननीय न्यायालय ने कहा कि सरकार से प्रत्यक्ष या रियायती दर पर जमीन के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से पर्याप्त सहायता पाने वाले स्कूल, कॉलेज और अस्पताल जैसे संस्थान भी आरटीआई कानून के तहत नागरिकों को सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं. उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने वाले कॉलेज और एसोसिएशन थे जो स्कूल और कॉलेज चला रहे थे. उनका कहना था कि वे एनजीओ हैं और वे RTI Act के दायरे में नहीं आते.
अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि एनजीओ या अन्य संस्थाओं को सरकार से बड़ी वित्तीय मदद प्राप्त होती है, तो हम इसके लिए कोई कारण नहीं पाते हैं कि क्यों कोई नागरिक यह जानने के लिए सूचना नहीं मांग सकता कि किसी एनजीओ या अन्य संस्था/संस्थान को दिया गया उसके पैसे का आवश्यक उद्देश्य में उपयोग हुआ या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला, NGO भी RTI दायरे में?

एनजीओ में काम करने वाले कर्मचारी को क्या फायदा मिलेगा?

इस आदेश के बाद किसी एनजीओ में काम करने वाले कर्मचारी RTI Act 2005 का उपयोग कर अपने सेवा/सैलरी से सम्बंधित रिकॉर्ड देखा पायेंगे कि उनके सैलरी आदि के नाम पर हर माह कितना सैलरी रिकॉर्ड में दिखाया जाता हैं. अगर आप किसी ऐसे एनजीओ में काम करते हैं और आरटीआई कैसे लगाए या आरटीआई के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप हमारे नीचे दिए गए पोस्टों को पढ़ उपयोग में ला सकते हैं.
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2 thoughts on “सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला, NGO भी आरटीआई के दायरे में?”

  1. सर में पंचयत समिति खेरवाडा जिला udaipur राजस्थान में NGO के थ्रू २०१२-१३ से एस कंप्यूटर ओपोरटर काम कर रहा हु उसे कंपनी का टेंडर चेंज कर दूसरी कंपनी का टेंडर कर दिया दूसरी कंपनी जो अभी टेंडर हुआ १०१०० का हुआ हे NGO वाला कह रहा हे की आप सभी को 6800 dunga pehle company hame 8450 ka billa banta to 7900 dete thi lekin abhi company kah rahi he 6800 he milega lekin mu vetan 7741 he sir koi sujav deve kya kare hum sabhi 5

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