सीहोर पुलिस अधीक्षक शशीन्द्र चौहान ने मंगलवार सुबह Cleaning Staff को फूल माला पहनाकर मास्क बांटे. जिसके बारे में चारो ओर चर्चा हो रही है.
जब कोरोना संक्रमण के इस दौर में सड़कें सुनसान हैं, संसद ठप्प है, कारखानों में ताले लटके हुए हैं और वाहनों के चक्के थमे हैं. सड़कों और बाजारों का मंजर कुछ ऐसा होता है, न बंदा न बंदे की जात. अब ऐसे में आमजन को राष्ट्रवाद का पाठ पढाने वाले राजनेता अपनी आलीशाह कोठरियों में आइसोलेट हो गए हैं और एसी बंद कमरें में नरम-मुलायम गद्दों पर बैठेकर इस लॉक में भूखी गरीब जनता को समय व्यतित करने के उपाय बता सुझा रहे हैं. तारीखें इन्हें भी याद रखेंगी.
मगर इनके उलट कुछ ऐसे लोग भी हैं, अधिकारी कर्मचारी हैं, जो जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमण को जानते हुए भी निस्वार्थ भाव से देशसेवा में जुटे हैं. हमारी सुरक्षा के लिए स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, सफाईकर्मी (Cleaning Staff) दिन-रात इस वक्त काम में जुटे हैं जो कोरोना संक्रमण से सीधा मुकाबला कर रहे हैं.
आईएएस और आईपीएस बिरादरी की एक अपनी कार्यशैली होती है, एक अपना दायरा होता है. किससे कब कितनी बात करना है. किसका काम करना है और किसका काम तमाम करना है यह बेखूबी वह समझते हैं.
इस लॉकडाउन में जब हर दिन पुलिस कार्यप्रणाली की सख्त तश्वीरें देखने मिल रही हैं तो मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से बेहद ही खूबसूरत तश्वीर देखने को मिली.
सफाई कर्मचारी कूड़ा-कचरा उठाकर हमें बीमारियों से बचाते हैं लेकिन हाशिये पर खडे इस समाज से उनको हमेशा उपेक्षा और तिरस्कार ही मिला है.
मंगलवार सुबह सीहोर पुलिस अधीक्षक शशीन्द्र चौहान ने सेनेटाईजर और कचरा उठाने के काम में लगे सफाईकर्मियों को फूल माला पहनाकर मास्क बांटे. फिर पुलिस स्टाफ से तालियां बजबा कर सफाईकर्मियों का उत्साहवर्धन भी किया.
पुलिस अधीक्षक श्री चौहान ने खुद पाईप हाथ में पकडकर सडकों पर सेनेटाईजर का छिडकाव किया. वाकई में यह काम इतना आसान नहीं था. एक सहिर्दय व्यक्ति ही ऐसा कर सकता है. जबकि उनका पद और अहम उसे ऐसा करने से रोकता है. पुलिस अधीक्षक सीहोर शशीन्द्र चौहान का यह कार्य प्रशसंनीय है और अन्य अधिकारियों को प्रेरणा देने वाला भी.
लेखक: कपिल सूर्यवंशी
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