पुरे देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन किया गया. जिसके बाद प्रवासी मजदुर देश के विभिन्न राज्यों में जहां-तहां फंस गए. उनके ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी किया है. जिसके तहत माननीय कोर्ट कहा है कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर वापस उनके घरों को भेजा जाए. प्रवासी मजदूरो के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला को थोड़ा विस्तार से जानते हैं.
प्रवासी मजदूरों के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं. प्रवासी मजदूरो के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं.
कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करने को कहा है. कोर्ट ने सरकारों से मजदूरों को स्किल मैपिंग करके रोजगार के मुद्दे पर भी राहत देने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया
हालांकि प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसकी सुनवाई पिछले 5 जून को हुई थी. जिसके दौरन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सभी प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए आपको 15 दिन का समय देंगे. सभी राज्यों को रिकॉर्ड पर लाना है कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे.
'Centre and states have to prepare a list for identification of migrant workers in a streamlined manner. Employment relief to be mapped out and skill-mapping to be carried out to migrant labourers', Supreme Court said in its order. https://t.co/Nt7oy2K81R
— ANI (@ANI) June 9, 2020
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन किया था. जो कि तक़रीबन लॉकडाउन -1-4 फेस में 30 जून 2020 तक चला. जिसके बाद एक जून से अनलॉक-1 को भी लागू किया गया है. अभी फिलहाल कुछ नियम के तहत एक जगह से दूसरे जगह आ जा सकते हैं.
लॉकडाउन के दौरान रोजगार न मिलने के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदुर बेरोजगार हो गए. उनके सामने भुखमरी की नौबत आने से पैदल ही गांव की तरफ निकल जाते हैं. अभी तक अधिकतर मजदूर या तो घर पहुंच चुंकें हैं या फिर कुछ ने तो रास्ते में ही दम तोड़ दिया. अब लॉकडाउन खुलने से प्रवासी मजदूरों के काम के लिए वापस आने की भी खबर आ रही हैं. हालंकि, सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर फैसला लेने में थोड़ी देर कर दी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और आज से 15 दिनों के अंदर मजदूरों को उनके घर भेजा जाए. कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी.
मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश
हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सभी स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीमों के बारे में मजदूरों को बताया भी जाए.
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