पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए बिहार प्राइमरी शिक्षक बहाली पर रोक लगा दी हैं. माननीय हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता नीरज कुमार की याचिका पर दिया. जिसके बाद बिहार में शिक्षक बनने का सपना देखने वालों को झटका लगा है. कोर्ट ने कहा कि शिक्षक बहाली के नियमों में बदलाव करने का अधिकार किसी को नहीं है. अभी बिहार सरकार ने 94,000 प्राइमरी शिक्षकों की बहाली निकाली थी.
बिहार प्राइमरी शिक्षक बहाली पर रोक
बिहार में शिक्षक बहाली में नियम के बदलाब को चुनौती दिया गया था. जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को तत्काल राहत देते हुए बहाली प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार बहाली प्रक्रिया के नियमों में बदलाव कैसे कर सकती है? कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शिक्षक बहाली के नियमों में बदलाव करने का अधिकार किसी को नहीं है.
बिहार में प्राइमरी शिक्षकों की बहाली के नये नियम
बिहार में प्राइमरी शिक्षकों की बहाली के लिए राज्य सरकार ने नये नियम बनाए गए थे. उसके अनुसार 23 नवंबर 2019 तक डीएलएड पास अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते है. ऐसे में दिसंबर 2019 में एसटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते है. जिसको पटना हाईकोर्ट में चुनौती दिया गया हैं. जिसके बाद कोर्ट ने इस बहाली पर रोक लगा राज्य सरकार से जवाब माँगा हैं. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी.
बिहार प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती चुनावी स्टंट
अभी बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में नीतीश कुमार के द्वारा कार्यकाल के अंत में 94,000 बिहार प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ भी नहीं है. अब सरकार को कहने के लिए हो गया कि हमने तो नियुक्ति निकाला था. अब कोर्ट ने रोक लगा दिया तो हम क्या करें. अगर इस मामले को ठीक से सोचिएगा तो आपको खुद ही समझ में आ जायेगा.
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