पूरा देश लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसका असर ज्यादातर रोजी-रोजगार से लेकर प्राइवेट कर्मचारियों पर अधिक पड़ा है. इस दौरान लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली गई. जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न स्कीमों के तहत राहत देने की घोषणा की जा रही है. जिसके तहत केंद्र सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी दी है. आइये जानते हैं कि इसके तहत किन कर्मचारियों को क्या-क्या लाभ मिलेगा?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत कोविड रिकवरी फेज में औपचारिक क्षेत्र में Jobs को बढ़ावा देने और नए रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित किए जाने को मंजूरी दी है. सरकार ने प्रेस रिलीज जारी का बताया कि मंत्रिमंडल ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी है.
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत किनको लाभ मिलेगा?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं को राहत पैकेज दिया जायेगा. उसके लिए कुछ कंडीशन रखा गया हैं. आइये जानते हैं कि इसका लाभ किन-किन कर्मचारियों और नियोक्ताओं को मिलेगा.
भारत सरकार 1 अक्टूबर, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 तक सभी नए नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. मगर इसके लिए भी कुछ कंडीशन है. जो कि निम्न प्रकार से है-
इसके तहत कोई कर्मचारी जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम होना चाहिए. इसके साथ ही वह किसी ऐसे संस्थान में काम नहीं कर रहा था जो 1 अक्टूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत था और उसके पास इस अवधि से पहले यूनिवर्सल एकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्य खाता नंबर नहीं था, वह इस योजना के लिए पात्र होगा.
जिन संस्थान में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार द्वारा नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ खाता में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी कंट्रीब्यूशन सब्सिडी के रूप में देगी.
जिन कंपनी/संस्थान में कर्मचारी की संख्या 1000 तक हैं वहां केन्द्र सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान (दोनों) वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी.
अगर कोई भी EPFO Member जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (UNA) है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान 01.03.2020 से 30.09.2020 की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी और उसे EPFO के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30.09.2020 तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है.
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी, कर्मचारियों को यह लाभ मिलेगा?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत लाभ कैसे मिलेगा?
केंद्र सरकार के तरफ से EPFO एक Software को विकसित करेगा. जिससे कि पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया अपनाई जा सके. इसका लाभ पाने के लिए लाभर्थी कर्मचारियों के एपीएफओं अकाउंट में आधार कार्ड बैंक खाता आपस में लिंक होना चाहिए। जिससे कि एपीएफओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इस योगदान का भुगतान किया जा सके. इसके साथ ही EPFO की जवावदेही होगी कि वह सुनिश्चित करे कि एबीआरवाई और EPFO द्वारा लागू की गई किसी अन्य योजना के लाभ आपस में परस्पर व्याप्त (ओवरलैपिंग) नहीं हुए हो.
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आप इसके लिए आरएलसी(केंद्रीय)ऑफिस में शिकायत करें