उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट के Allahabad बेंच ने सरकारी व अर्द्ध सरकारी प्राइमरी स्कूलों मे मिड-डे मील रसोईया के वेतन के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है. अपने फैसले में न केवल याचिकाकर्ता को राहत दिया हैं, बल्कि प्रदेश में काम करने वाले रसोइयों को Minimum Wages भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया है. माननीय कोर्ट ने कहा कि मिड-डे-मील रसोइयों से एक हजार रुपया महीना में काम करवाना बंधुआ मजदूरी है. जिसे संविधान के अनुच्छेद 23 में प्रतिबंधित किया गया है. कोर्ट ने यह आदेश मिड-डे-मील रसोइया चंद्रावती देवी की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है.
मिड-डे मील रसोईया के वेतन को लेकर यूपी हाईकोर्ट फैसला
माननीय कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का मूल अधिकार के हनन पर कोर्ट मे आने का अधिकार है. वहीं सरकार का भी संवैधानिक दायित्व है कि किसी के मूल अधिकार का हनन न होने पाये और सरकार न्यूनतम वेतन से कम वेतन नहीं दे सकती. कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को इस आदेश पर अमल करते हुए सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है और केंद्र व राज्य सरकार को चार माह के भीतर न्यूनतम वेतन तय कर 2005 से अब तक सभी रसोइयों को वेतन अंतर के बकाये का निर्धारण करने का आदेश दिया है.
स्कूल में भोजन बनाने वालों की सैलरी 2021
यह महत्वपूर्ण फैसला न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने बेसिक प्राइमरी स्कूल पिनसार बस्ती की मिड-डे-मील रसोइया चंद्रावती देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची श्रीमती देवी को 1 अगस्त 19 को नौकरी से हटा दिया गया था. जिसको माननीय कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अपने याचिका में श्रीमती देवी ने कहा था कि उसने एक हजार रूपये मासिक वेतन पर 14 साल पहले नियुक्त किया गया था. अब नये शासनादेश से स्कूल में जिसके बच्चे पढ़ रहे हो उसे रसोइया नियुक्ति में वरीयता देने का नियम लागू किया गया है. याची का कोई बच्चा प्राइमरी स्कूल में पढ़ने लायक नहीं है. उसे हटाकर दूसरे को रखा जा रहा है,अब वेतन भी 1500 रूपये कर दिया गया है.
मिड डे मील की ताजा खबर 2021
वह खाना बनाने को तैयार है. कोर्ट ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति पावरफुल नियोजक के विरूद्ध कानूनी लड़ाई नहीं लड़ सकता.और न ही वह बारगेनिंग की स्थिति में होता है. कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 23 बंधुआ मजदूरी को प्रतिबंधित करता है. एक हजार वेतन बंधुआ मजदूरी ही है. याची 14, साल से शोषण सहने को मजबूर है. कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार ने अपनी स्थिति का दुरूपयोग किया है. न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना मूल अधिकार का हनन है. कोर्ट ने आदेश का पालन करने के लिए प्रति मुख्य सचिव व सभी जिलाधिकारियों को भेजे जाने का निर्देश दिया है. जिसको 4 महीने के अंदर लागू करने का आदेश दिया गया है.
मिड-डे मील रसोईया के वेतन को लेकर यूपी हाईकोर्ट आदेश का मुख्य बिंदु-
- सरकार द्वारा 1000₹ मानदेय पर काम कराया जाना है बंधुआ मजदूरी.
- सरकार को Minimum Wages कानून के अनुसार मानदेय तय करने का आदेश.
- प्रति वर्ष हेतु नवीन तय मानदेय के अनुसार 14 साल की अवधि के अंतर का भुगतान करना होगा.
- एरियर भुगतान की कार्यवाही 04 माह में पूरी करनी होगी.
- केवल याची ही नहीं बल्कि प्रदेश के समस्त रसोइयों पर आदेश लागू होगा.
मिड-डे मील रसोईया के वेतन वृद्धि
एक तरह से देखें तो यह ऐतिहासिक फैसला है. जिससे प्रदेश के सभी मिड-डे मील रसोईया के वेतन वृद्धि का आदेश दिया गया है. अब देखना हैं कि यूपी सरकार इसको कब तक अमल में लाती है. आपके लिए हमने नीचे इस आदेश की प्रति अपलोड किया है. आप अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में दें और इस जानकारी को अधिक से अधिक साथियों तक पहुँचाने में मदद करें.
Mid-Day-Meal Rasoia Salary UP High Court Order
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My name is vijay kumar, I am supervisor in jawaharlal nehru university, hum semi skilled category main aate h, 1 October ko centre govt.or delhi Gov’t ka wages bada h , hum par kon sa lagu hoga, or dono main minium wages centre ka jyada h ya delhi govt ka semi skilled ka
जेएनयू में दोनों में जो ज्यादा (Central Sphere) होगा वह लागू होगा.
Sir mera pf online submit karne par, “your kyc is not digitally approved by employer”
Kya karu 6 month ho gaye abhi tak koi solution nhi mila, pf office aur employer dono se bolkar thak gaya hu, please help me sir.
आप अपने पीएफ अकाउंट में kyc अपडेट कर एम्प्लायर से approve करवाये
Kya january mai bhugtaan milega ya nahi
सरकार को 4 महीने का समय दिया गया है.
Mid Day meal rasoiya ko Rajay me Nitish our kendra modi bandhuwa mjduri se bhi battar kar diya hy sir bihar
उनको बैठाया तो हम और आपने ही हैं
Kitna rupy kiya jayega
माननीय कोर्ट ने न्यूनतम वेतन देने को कहा हैं. अभी यूपी सरकार का न्यूनतम वेतन अक्टूबर 2020 जानने के लिए यहां क्लिक करें
Sarkar KO dhyan dena chahiye sbse jaydha garib yhi log hai
सही बात मगर ऐसा होता कहाँ हैं दोस्त
Yogi modi maan jaye ko ku h bhala ho jayega bechariyo ka bhaiyon
Right सही कहा आपने
Yogi modi maan jaye to kuch bhala ho jayega bechariyo ka bhaiyon
सही बात हैं मगर हमें अपना प्रयास कभी नहीं छोड़ना चाहिए
Lagu kab tak hoga…
अब यह सरकार के ऊपर निर्भर हैं. ऐसे कोर्ट ने 4 महीने का समय दिया हैं. आपलोग सरकार पर दवाब बनाये ताकि लागू हो सके.
Contract base pr kam krne wale ka minimum sallary kitni h
हर राज्य का अलग-अलग न्यूनतम वेतन होता हैं. आप हमारे न्यूनतम वेतन वाले पेज पर चेक करें
Me Monika jha mere mata ji jo ki Ludhiana Punjab me govt.school me middemil me khana bnate The unko school k principle n bina notice k hta diya ky aap hmari madad kr sakte hai unko unka middemil ka work waps mil sakta hai mere mata ji ko sir n htaya koi bhi govt. Job se chhuti lene k liye notice diya jata hai par vo apni Marji se hta diye mata ji ko is par karwai ki jaye dhanyabaad
aapko dm ke pas compliant karna chahiey aur sunvai na kare to high court ja sakti hai.
Rasoiya Ka paysa kab tak aayega
इसके लिए आपको अपने जिले के डीएम से पूछना चाहिए। ऐसे भी कोर्ट ने उनको ही आदेश दिया है
3 months se paisa nahi mil raha Bihar samastipur
Eske kyo nahi aa raha es liye pr ak video de kr jaankari de
लिखित में पैसा मांगे
Betan badhana chahiye
जी