सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश के लाखों प्राइवेट कर्मचारियों के EPF Pension वृद्धि पर अंतिम फैसला दिया जाना है. जिसका इन्तजार कर्मचारी पिछले 2 वर्षों से कर रहे है. विभिन्न न्यूज पोर्टल ने दावा किया हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईपीएफओ पेंशन वृद्धि का अंतिम फैसला सोमवार (18 जनवरी 2021) को आयेगा. आइये हम जानते हैं कि ईपीएफओ पेंशन वृद्धि का मामला क्या हैं और इससे प्राइवेट कर्मचारी के ईपीएफ पेंशन पर क्या फर्क पड़ेगा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईपीएफ पेंशन वृद्धि का फैसला
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट 21 महीने बाद EPFO और श्रम मंत्रालय द्वारा दायर अपील पर EPF Pension बढ़ोतरी के फैसले की समीक्षा याचिका पर विचार करेगा. जिस पर देश के लाखों ईपीएफ पेंशनधारकों का निगाह टिकी हुई है. इस समीक्षा याचिका पर जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन पीठ सुनवाई किया जायेगा. जिसकी अगली सुनवाई 18 जनवरी 21 को निर्धारित है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कल इस मैटर पर क्या फैसला आता हैं?
केरल हाईकोर्ट के EPF Pension का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 को प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों के पेंशन का अहम् फैसला सुनाया था. जिसके बाद अगर सरकार उस फैसले को मान जाती तो आपके पीएफ पेंशन में सौ फीसदी से भी अधिक वृद्धि हो सकती थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल हाईकोर्ट के EPF Pension के फैसले को बरकरार रखा था. जिसमें केरल हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन (EPF Pension) देने का आदेश जारी किया था. श्रम व रोजगार मंत्रालय व् ईपीएफओ ने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका लगाईं थी. जिसके बाद EPFO ने कोर्ट के आदेश के अनुसार पूरी पेंशन को समीक्षा याचिका को लंबित बताते हुए अस्वीकार कर दिया था.
पेंशन लाभ पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय (EPF Pension calculation in hindi)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाद ईपीएफ पेंशन की गणना = (कर्मचारी द्वारा नौकरी में के कुल साल+2)/70 * अंतिम सैलरी, के आधार पर होगी. जबकि अभी कर्मचारी के पेंशन का निर्धारण में “एक साल की ऐवरेज मंथली सैलरी” के आधार पर तय की जाती है. जिसको हम नीचे दिए टेबुल से समझ सकते हैं.
Private Employee Pension Retirment | |||
Year of Work | Last drawn Salary | Pension Before Order | Pension after Order |
33 | 50000 | 5180 | 25000 |
30 | 50000 | 4525 | 22857 |
25 | 50000 | 3425 | 19225 |
20 | 50000 | 2100 | 14285 |
यहाँ हम माने लें कि किसी कर्मचारी (सोहन) ने 33 साल नौकरी के बाद अंतिम सैलरी 50,000 के साथ सेवानिवृत्ति की. ऐसे में उसकी कोर्ट के नए नियम से 25000 रुपया मासिक पेंशन का हकदार हो जायेगा. जो कि केंद्र सरकार को किसी भी हाल में मंजूर नहीं था. जिसके बाद सरकार के तरफ से समीक्षा याचिका लगाईं थी. जिस याचिका पर अब माननीय सुप्रीम कोर्ट को अंतिम निर्णय लेना है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों के EPF Pension वृद्धि फैसला 2019
ईपीएफ पेंशन की लेटेस्ट न्यूज 2021 (EPF Pension latest news in hindi)
द हिन्दू के रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 12 जुलाई, 2019 को खुली अदालत में दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करने का आदेश दिया. ऐसे अभी तक, इस सम्बन्ध में कोई करवाई की जानकारी नहीं है. जबकि पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी ने पिछले अक्टूबर में इस मामले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था.
ऐसे भी अभी तक सुप्रीम कोर्ट में EPF Higher Pension याचिका के साथ कुल 50 मैटर टैग किये जा चुके हैं. इसका मतलब यह हुआ कि अब इन 50 मैटरों का फैसला एक साथ ही आना है. हमें भी उम्मीद हैं कि कल भी कर्मचारियों के पक्ष में ही फैसला आना चाहिए. आप इस ईपीएफ पेंशन वृद्धि (EPF Higher Pension) बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिख कर अधिक से अधिक कर्मचारी साथियों तक शेयर जरूर करें.
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आपने बहुत ही सरल तरिके से पूरी जानकारी दी है, कृपया आगे भी अपडेट्स देते रहियेगा
Jee Jarur
Respected sir company me corona mahamari ke dauran sir jabran termination letter daine aur badle me kuch na daine ki dahmki dekar jabran resign likhwa liya hai .kya hamare liye pf ka contribution count hoga .Jo ki main abhi tak berojgaar hoon.
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