सुप्रीम कोर्ट में उपनल Contract Employees Regularization की सुनवाई?

आज देश के तक़रीबन हर विभाग में 70-80 फीसदी कर्मी कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लोयी के रुप में काम करते हैं। जो हमेशा से जानना चाहते हैं कि क्या वो परमानेंट हो सकते हैं? आपके लिए हम एक अहम् जानकारी लेकर आये हैं. अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट में उपनल Contract Employees Regularization के महत्वपूर्ण केस की सुनवाई शुरू हुई है। अगर इस केस का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आता है तो आइये जानते हैं कि इससे किसको क्या लाभ मिलेगा?

UPNL Contract Employees Regularization

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2018 में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उपनल Contract Employees को एक साल के अंदर नियमित करने का आदेश जारी किया था। यही नहीं बल्कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का लाभ भी देने को भी कहा। जिसके बाद सभी कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। उनको उम्मीद थी कि राज्य सरकार कोर्ट का फैसला मानकर एक साल के भीतर उन सभी को नियमावली के अनुसार नियमित करेगी। मगर उत्तराखंड सरकार ने 2019 में हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। जिससे मामला अधर में लटक गया।

आउटसोर्सिंग कर्मचारी पक्के होंगे 2021

श्री कुंदन सिंह नेगी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर उपनल द्वारा की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसको माननीय कोर्ट ने स्वतः सज्ञान ले जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि उपनल के तहत रजिस्टर्ड नहीं है। इसलिए यह एक असंवैधानिक संस्था है।

ऐसे तो पूर्व में उपनल का गठन उत्तराखण्ड के पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए हुआ था। मगर बाद में राज्य सरकार ने इस संस्था को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति का माध्यम बना दिया था। जिसके बाद इस याचिका के माध्यम से उपनल Contract Employees के लिए निति बनाने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में UPNL Contract Employees Regularization की सुनवाई शुरू

हमने अपने एक पूर्व के आर्टिकल के माध्यम से 2017 में ही उपनल कर्मचारियों को परमानेंट करने की मांग कोर्ट के माध्यम से उठाने की सलाह दी थी। हमने बताया था कि उत्तराखंड सरकार व् उपनल के माध्यम से कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। उनको कम सैलरी में काम करवाया जाता है। ऐसे देखें तो सरकारी विभाग (मुख्य नियोक्ता) वो उपनल (ठेकेदार) दोनों ही सरकारी हैं। जबकि दोनों ही आउटसोर्स कर्मचारियों को अपना कर्मचारी मानने से इंकार करते हैं। जिसका फैसला कोर्ट के द्वारा ही संभव लगता है।

संविदा कर्मचारी नियमितीकरण 2021 Latest News

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के तरफ से 21 सितंबर 2021 को एडवोकेट संप्रति सिंह उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट में की सुनवाई की विस्तृत जानकारी दी है। जिसको आप हमारे यूट्यूब चैनल वर्कर वॉयस डॉट इन पर सुन सकते हैं। जिसका लिंक हमने इस पोस्ट में ऊपर दिया है।

अब अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना है। जबकि नैनीताल हाईकोर्ट ने उपनल आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर करने का आदेश किया था। जिसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब देखना है कि इसमें क्या फैसला आता है। जिसका उपडेट हम आपको अपने ब्लॉग और यूट्यूब चैनल के माध्यम से आगे भी देते रहेंगे।

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